New Delhi: दस दिनों के विपश्यना साधना के लिए जायेंगे केजरीवाल, कौन बनेगा कार्यवाहक सीएम; क्या है विपश्यना?

New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 19 दिसंबर से विपश्यना के लिए जाने वाले हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद कोरोना काल को छोड़ दें तो केजरीवाल हर साल विपश्यना का कोर्स करने जाते है।
Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwalraftaar.in

नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 19 दिसंबर से विपश्यना के लिए जाने वाले हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद कोरोना काल को छोड़ दें तो केजरीवाल हर साल विपश्यना का कोर्स करने जाते है। इस साल भी 19 से 30 दिसंबर तक विपश्यना में रहेंगे और 31 दिसंबर को दिल्ली लौटेंगे।

गैरमौजूदगी में मंत्री आतिशी उनका कामकाज संभालेंगी

अरविंद केजरीवाल विपश्यना साधना के लिए हिमाचल, बेंगलुरु और महाराष्ट्र में से किसी एक जगह जाते हैं लेकिन इस बार वो कहां जा रहे हैं। इसकी जानकारी किसी को नहीं है। विपश्यना साधना के नियमों के अनुसार, 20 दिसंबर से अगले 10 दिनों तक अरविंद केजरीवाल किसी के संपर्क में नहीं रहेंगे। उनकी गैरमौजूदगी में मंत्री आतिशी उनका कामकाज संभालेंगी।

विपश्यना साधना में करीब सात दिनों तक लगातार बैठकर ध्यान करना होता है

विपश्यना साधना में करीब सात दिनों तक लगातार बैठकर ध्यान करना होता है। इस दौरान मौन रहना, ज्यादा बातचीत न करना, बाहरी दुनिया से कोई संपर्क न रखना जैसे कड़े नियमों का पालन करना होता है।

कई सौ साल पहले भगवान बुद्ध ने ये विद्या सिखाई थी

इससे पहले दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री विपश्यना साधना के लिए गए थे। मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते रहे हैं कि कई सौ साल पहले भगवान बुद्ध ने ये विद्या सिखाई थी। अगर किसी ने विपश्यना नहीं की है तो एक बार जरूर करें। इससे मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत लाभ होता है।

जानिए क्या है विपश्यना

विपश्यना प्राचीन ध्यान विधि है। इसे आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि का सबसे बेहतरीन तरीका माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने भी इसी ध्यान विधि से बुद्धत्व हासिल किया था। ये खुद को जानने में काफी मदद करती है। आजकल तनाव भरी जिंदगी में लोग सुबह से लेकर देर रात तक व्यस्त रहते हैं। ऐसे में उनको बहुत अधिक शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है। कई बार लोग इतने अधिक थक जाते हैं कि उनको लगता है कि किसी ऐसी जगह चला जाए, जहां दुनिया से कोई वास्ता न रहे। ऐसी सोच वालों के लिए विपश्यना एक नई ऊर्जा देने का काम करता है। वैसे हमारे देश में ध्यान करने की पहले से ही विभिन्न पद्धतियां मौजूद हैं, जिसे लोग अपनी इच्छानुसार अपनाते और उसका पालन करते आए हैं।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in