महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में सभी पक्षकारों को तीन सप्ताह में लिखित दलील दाखिल करने का निर्देश

Wrestlers Harassment Case: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में सभी पक्षकारों को तीन हफ्ते में लिखित दलील दाखिल करने का निर्देश दिया है।
Brij Bhushan Sharan Singh
Brij Bhushan Sharan Singh

नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को तीन हफ्ते में लिखित दलील दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 22, 23 और 24 नवंबर को होगी।

देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं

सुनवाई के दौरान बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है, क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है। ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है।

यौन शोषण लगातार होने वाला अपराध है

तब कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई ऐसा फैसला है जो ये कहता है कि यौन शोषण लगातार होने वाला ऐसा अपराध है जो अलग-अलग जगहों और समय पर किया गया हो। इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि यौन शोषण लगातार होने वाला अपराध है, क्योंकि वह किसी एक जगह नहीं रुका और जब भी आरोपित को मौका मिला उसने उनका यौन शोषण किया।

उस दिन बृजभूषण दिल्ली में मौजूद ही नहीं थे

बृजभूषण के वकील ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने कहा कि 2017 में 16 अक्टूबर को उसके साथ यौन शोषण हुआ और फिर अगले दिन 17 अक्टूबर को दोबारा कुश्ती संघ के दफ्तर में हुई। जबकि उस दिन बृजभूषण दिल्ली में मौजूद ही नहीं थे। वहीं एक शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में 2022 की बुल्गारिया और कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का जिक्र किया है लेकिन ओवर साइट कमेटी के सामने कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का जिक्र नहीं किया गया था।

सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर कोर्ट में पेश हुए

आज सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर कोर्ट में पेश हुए। पहले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अधिकार क्षेत्र को लेकर दी गई दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि मुकदमा चलाने के लिए इजाजत लेने की जरूरत तब होती है, जब पूरा अपराध भारत के बाहर हुआ हो। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यहां अपराध प्रक्रिया संहिता की 188 तभी लागू होगा, जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो। इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है।

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