Farmer Protest: 'दिल्ली चलो' के नारों से गूंजा किसान आंदोलन 2.0, दिल्ली में धारा-144 लागू

New Delhi: किसान आंदोलन का कूचा 13 फरवरी को दिल्ली में प्रवेश करने के लिए रवाना हो गया है। इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने अहम ट्रैफिक एडवाइजरी लागू की है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। किसान आंदोलन ने राजधानी दिल्ली में एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। 200 से अधिक किसान संघ सोमवार को पंजाब से 'दिल्ली चलो' मार्च कर रहा है। दिल्ली पुलिस ने आज से एक महीने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में धारा-144 लागू कर दी है। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि राजनीतिक, सामाजिक या किसी अन्य उद्देश्य के लिए किसी भी जुलूस, प्रदर्शन, रैली या पैदल मार्च के आयोजन, आयोजन या उसमें भाग लेने पर "पूर्ण प्रतिबंध" है।

दिल्ली पुलिस ने एक्स पर दी जानकारी

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अक्स पर सूचना देते हुए कहा कि 13.02.2024 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रस्तावित किसानों के विरोध के मद्देनजर, यातायात परिवर्तन लागू रहेगा।

कमर्शल वाहनों के लिए 12.02.2024 से यातायात प्रतिबंध/डायवर्जन लगाया जाएगा।

कृपया इस एडवाइजरी का पालन करें।

दिल्ली चलो

आज दिल्ली चलो मार्च के किसान संघ के आह्वान से पहले रैपिड पुलिस फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है और गाज़ीपुर सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सिंघू सीमा पर भी बैरिकेड लगाए गए हैं। जबकि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए अंबाला में शंभू सीमा को सील कर दिया गया है। बाहरी जिलों (बाहरी उत्तर और दक्षिण) के डीसीपी स्तर के अधिकारी भी घटनास्थल सीमाओं पर तैनात हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाले प्रदर्शनकारियों के कारण कानून और व्यवस्था की कोई समस्या न हो।

भारत बंद

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) से अलग हुए गुट के 13 फरवरी के 'दिल्ली चलो' आह्वान से पहले, SKM और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 16 फरवरी को होने वाले अपने लंबे समय से घोषित ग्रामीण 'भारत बंद' के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। ग्रामीण भारत बंद जहां सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा, वहीं किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर की मुख्य सड़कों पर विशाल चक्का जाम में शामिल होंगे। पंजाब में ज्यादातर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग 4 घंटे के लिए बंद रहेंगे।

क्या है किसानों की मांग?

इस बार किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर है, किसानों ने सरकार से मांग की है कि MSP गारंटी को लेकर केंद्र सरकार कानून बनाए। इससे पहले भी 2021 में MSP को लेकर किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए तीन कानूनों के खिलाफ साल भर तक प्रदर्शन किया था। केंद्र सरकार को किसानों के आगे घुटनें टेकने पड़े।

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