क्यों ज्ञानी जैल सिंह को देश का सबसे बेबस राष्ट्रपति कहा गया? ये है कहानी

Giani Zail Singh: इसका उप राज्यपाल ने जवाब दिया कि सेना बुलाने से स्थिति और खराब हो जाएगी।
Giani Zail Singh and Rajiv Gandhi
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। यह कहानी है देश के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की है। जब देश के सर्वोच्च पद में होने के बाद भी उनकी बात कोई नहीं सुन रहा था। देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिन अंगरक्षकों ने इंदिरा गांधी की हत्या की वे सिख थे। जैसे ही यह खबर जनता तक पहुंची तो दिल्ली में सिखों के खिलाफ विरोध होने लगा। विरोध धीरे-धीरे हिंसक हुआ और सिखों पर टारगेटेड हमले होने लगे। उस समय ज्ञानी जैल सिंह देश के राष्ट्रपति थे। वह विदेश यात्रा में यमन में थे। जैसे ही उन्हें इंदिरा गांधी पर हमले की खबर लगी तो वह अपनी विदेश यात्रा को बीच में छोड़कर शाम 5 बजे देश लौट आए। ज्ञानी जैल सिंह दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि देने दिल्ली के एम्स पहुंचे थे।

ज्ञानी जैल सिंह की सुरक्षा में लगे जवानों ने उन्हें सकुशल एम्स पहुंचाया था

राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के लिए एयरपोर्ट से एम्स में पहुंचना इतना आसान नहीं था। दिल्ली में दंगो को अंजाम देने वाले लोगो ने राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के काफिले को आरके पुरम के पास रोकने की कोशिश की थी। उनके काफिले में जलती मशाल फेंकी गई। लेकिन भीड़ उनके काफिले को रोक नहीं पाई। इसके बाद भीड़ ने एक किलोमीटर की दुरी पर कमल सिनेमा के पास उनके काफिले पर पथराव शुरू कर दिया। लेकिन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की सुरक्षा में लगे जवानों ने उन्हें सकुशल एम्स पहुंचाया था।

यह बात उनकी बेटी गुरगुदीप कौर ने भी एक इंटरव्यू में कही थी

जब दिल्ली में सिखों पर हमला हो रहा था तो राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने दंगो को रोकने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था। उन्होंने पीएमओ और गृह मंत्रालय में भी फोन लगाया। लेकिन कोई उनका फोन नहीं उठा रहा था। बल्कि उनका फोन काट दिया जा रहा था। यह बात उनकी बेटी गुरगुदीप कौर ने भी एक इंटरव्यू में कही थी।

इसका उप राज्यपाल ने जवाब दिया कि सेना बुलाने से स्थिति और खराब हो जाएगी

जब दिल्ली में राष्ट्रपति के काफिले पर हमले हो रहे थे और सिखों का कत्लेआम हो रहा था तो राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल पीजी गवई से फोन में पूछा कि स्थिति को संभालने के लिए सेना को क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? इसका उप राज्यपाल ने जवाब दिया कि सेना बुलाने से स्थिति और खराब हो जाएगी। इसके बाद जब भी कोई राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह से स्थिति को संभालने की बात करता तो वो कहते "आई एम हेल्पलेस, आई कैन नॉट डू एनिथिंग" उन्होंने यही जवाब विपक्षी नेता शरद यादव, कर्पूरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह को भी दिया था।

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