नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। दिल्ली हाई कोर्ट ने देश की राजधानी में डेयरी कॉलोनियों में अवैध ऑक्सीटोसिन के उपयोग को लेकर पशु क्रूरता और लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। इसको लेकर हाई कोर्ट ने दिल्ली की सभी डेयरी कॉलोनियों में हो रहे अवैध ऑक्सीटोसिन हार्मोन के उपयोग से निपटने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
कोर्ट ने ड्रग कंट्रोल विभाग और जीएनसीटीडी को इस मामले की जांच करने आदेश दिए
दरअसल सुनैना सिब्बल, अक्षिता कुकरेजा और अशर जेसुडोस ने हाई कोर्ट में दिल्ली की डेयरी कॉलोनियों में हो रहे अवैध ऑक्सीटोसिन हार्मोन के उपयोग पर अपनी चिंता जताते हुए, एक याचिका दायर की थी। जिसकी दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी.एस अरोड़ा की बेंच ने सुनवाई करते हुए, फैसला सुनाया कि डॉक्टर के प्रोपर ऑथराइजेशन के बिना ऑक्सीटोसिन देना कानूनी अपराध है। कोर्ट ने ड्रग कंट्रोल विभाग और जीएनसीटीडी को इस मामले की जांच करने और अवैध ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल करने वालों पर मामला दर्ज करने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खुफिया विभाग को ऑक्सीटोसिन के अवैध तरीके से बिक्री करने वालों पर कार्रवाई करने को कहा है।
डेयरियों को किसी साफ जगह पर स्थानांतरित करने की बात भी कही
कोर्ट ने डेयरियों को किसी साफ जगह पर स्थानांतरित करने की बात भी कही। कोर्ट ने पशु क्रूरता को रोकने और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मध्य नजर याचिका में जताई गई चिंता को सही बताते हुए यह निर्णय लिया है। इसके लिए कोर्ट ने नगर निकायों, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों और पशु चिकित्सा विभागों के संबंधित अधिकारियों को 8 मई की कार्यवाही में शामिल होने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इन अधिकारियों को डेयरियों के लिए उपयुक्त पुनर्वास स्थलों को ढूढ़ने और डेयरियों से जुड़े अन्य मुद्दों के समाधान ले लिए भी समन्वय करने का निर्देश जारी किया है।
क्या है ऑक्सीटोसिन
पशु चिकित्सक के अनुसार ऑक्सीटोसिन गर्भवती पशुओं में प्रसव के समय गर्भाशय को संकुचित करके नवजात को बाहर आने में मदद करता है। जिसको डॉक्टर के परामर्श के बिना नहीं दिया जा सकता है। लेकिन अधिकतर दूध बेचने वाले लोग,अपने गाय व भैंस को ऑक्सीटोसिन वाले इंजेक्शन ज्यादा दूध पाने के लालच में लगा देते हैं। इससे पशुओं के साथ साथ उस दूध का सेवन करने वाले लोगों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसा करना कानूनी अपराध है। इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़े निर्देश दिए हैं।
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