
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में आज शुक्रवार (4 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। इस दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी के विरोध में दलीलें दे रहे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं। कम सजा भी तो दी जा सकती थी। उससे संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार भी बरकरार रहता। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी।
शिकायतकर्ता का सरनेम खुद मोदी नहीं- मनु सिंधवी
कोर्ट में राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने जिरह की शुरुअत की। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता का सरनेम खुद मोदी नहीं है। उनका मूल उपनाम भुताला है। फिर यह मामला कैसे बन सकता है। सिंघवी ने कोर्ट को ये भी बताया कि राहुल ने जिन लोगों का नाम लिया, उन्होंने केस नहीं किया। उन्होंने कहा, यह लोग कहते हैं कि मोदी नाम वाले 13 करोड़ लोग हैं, लेकिन ध्यान से देखा जाए तो समस्या सिर्फ बीजेपी से जुड़े लोगों को ही हो रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए राहुल की सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि हम सेशंस कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगा रहे हैं।
क्या था मामला?
दरअसल, राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?” इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।