केंद्र सरकार ने लगाया जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग पर प्रतिबंध, देश विरोधी गतिविधियों पर एक्शन का दिया हवाला

Ban On MLJK-MA: केंद्र का मोदी सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत की है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। केंद्र का मोदी सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत की है। इस बात की जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पू्र्व में ट्विटर) पे ट्वीट कर बताया है। सरकार के अनुसार इस संगठन पर आरोप है कि उसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे।

अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं इसके साथ ये जम्मू कश्मीर में लोगों को इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट है कि जो भी हमारे देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ काम करेगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

क्या है मुस्लिम लीग मसरत आलम?

मुस्लिम लीग मसरत आलम जम्मू कश्मीर के इलाके में एक संगठन है। इस संगठन को मसरत आलम भट्ट ने बनाया था। वो 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। 50 साल के मसरत पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग केस में मामला दर्ज किया है। द हिंदू कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, मसरत आलम साल 2010 में घाटी में हुए प्रो-आजादी प्रोटेस्ट के मुख्य आयोजकों में से एक था। यह संगठन अपने राष्ट्रविरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है। इस संगठन का मानना है कि कश्मीर को भारत से स्वतंत्र करा कर पाकिस्तान में विलय होना चाहिए। इस संगठन के सदस्य जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद संबंधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ये संगठन पाकिस्तान और उसके प्रोक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटाता है। साथ ही अपनी गतिविधियों से देश की संवैधानिक सत्ता और संवैधानिक व्यवस्था का अनादर करता है।

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