नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। दिल्ली एनसीआर में 100 के करीब स्कूलों को 1 मई 2024 को धमकी भरा ईमेल भेजा गया। जैसे ही इसकी खबर बच्चों के माता-पिता को लगी तो सभी अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंच गए। स्कूल प्रशासन ने भी सावधानी से स्थिति को संभालते हुए। बच्चों के पेरेंट्स को सूचना दी, जिसके बाद जिन पेरेंट्स को इसके बारे में सूचना नहीं थी। वे सब भी अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंच गए। स्कूल प्रशासन ने बच्चों को सकुशल उनके अभिभावकों को सौपा। वहीं पुलिस और प्रशासन अपनी जांच में लगे हैं।
बेंगलुरु में भी कम से कम 48 स्कूलों को दिसंबर 2023 में मिली थी धमकी
इसी साल फरवरी में भी दिल्ली पुलिस में दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के पुरम, द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें बम धमाके की बात की गई थी। वहीं मई 2023 में मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल को भी मेल द्वारा बम धमाके की धमकी दी गई थी। दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि पिछले साल कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी कम से कम 48 स्कूलों के ईमेल के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। ईमेल के माध्यम से जिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। जब बम निरोधक दस्ते ने स्कूलों की जांच की तो वहां बम जैसी कोई चीज नहीं मिली यह एक फेक ईमेल थी। जिसने पूरे बेंगलुरु को हिला कर रख दिया था। पुलिस प्रशासन ने पूरी तत्परता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभायी थी। यहां तक कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी खुद जाकर स्कूलों में स्थिति की मुआयना किया था।
इस तरह के शरारती तत्वों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है
लेकिन इस तरह के शरारती तत्वों और आतंकवादियों के कारण बच्चों से लेकर उनके माता पिता और स्कूल प्रशासन आदि को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस तरह के आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर इतनी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए कि आगे से कोई अगला शरारती तत्व ऐसा करने से खौफ खाए। भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कई सख्त कदम उठाये हैं। जिससे देश में आतंकी हमले की घटनाओं में काफी कमी आयी है। इस तरह के शरारती तत्वों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in