नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया है। सरकार ने इसकी घोषणा शनिवार को करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट 5 साल के लिए एक गैरकानूनी संगठन रहेगा। देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस संगठन को आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला बताया है।
2019 में गृह मंत्रालय ने इस कानून के तहत यासीन के संगठन पर लगाया था प्रतिबंध
शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता से खिलवाड़ करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। वर्ष 2019 में गृह मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत यासीन मालिक के संगठन पर बैन लगाया था।
आखिर कौन है ये यासीन मलिक
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया हैं। उन्हें एक ट्रायल कोर्ट ने 24 मई, 2022 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मलिक पर सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अलग अलग अपराधों में दोषी ठहराया था। यासीन मलिक के अपराधों को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस साल के शुरुआत में ही हाई कोर्ट में एक अपील दायर की थी, जिसमे यासीन की आजीवन कारावास की सजा को बढाकर मृत्युदंड करने की मांग की थी।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाये जाने चाहिए
आतंकवाद की गतिविधियों से जुड़े किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगाकर बहुत बढ़िया कार्य किया है। इस तरह के अन्य संगठनों का भी पता लगा कर उनपर भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। आतंकवादियों के कारण कितने ही भोले भाले देश के लोगो ने अपनी जान गवाई है। हमारे फौजी भाइयों ने भी इन आतंकियों के कारण अपनी जान गवाई है। आतंकवाद के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाये जाने चाहिए।
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