नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक चैनल में इलेक्टोरल बांड के मुद्दे पर खुलकर कहा कि चुनाव चंदा को भारतीय राजनीति से काले धन के खेल को समाप्त करने के उद्देश्य से लाया गया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी को मानना होता है।
पहले चंदा नगद लिया जाता था, उसमे किसका नाम सामने आया है
शाह ने आगे कहा कि मैं किसी भी मंच में किसी भी व्यक्ति से इस विषय में चर्चा करने के लिए तैयार हूँ। शाह ने इलेक्टोरल बांड से पहले चंदा लेने के विषय में भी सवाल उठाये और कहा कि पहले चंदा कैसे आता था। उन्होंने एक चैनल को दिए इस इंटरव्यू में बताया कि पहले चंदा नगद लिया जाता था, उसमे किसका नाम सामने आया है। यह गलत बात चलाई जा रही है कि भाजपा को इलेक्टोरल बांड से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। शाह राहुल गांधी के उस बयान पर भी बरसे जिसमे राहुल ने कहा था कि इलेक्टोरल बांड दुनिया का सबसे बड़ा उगाही का जरिया है। शाह ने का है कि पता नहीं कौन राहुल गांधी को ऐसी बात लिखकर देता है।
बाकि के 14000 बांड कहां है
अमित शाह ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि भारतीय जनता पार्टी को 6000 करोड़ के करीब बांड मिले है। जबकि कुल बांड 20,000 करोड़ के है तो बाकि के 14000 बांड कहां है। शाह ने अन्य पार्टी के बांड की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस को 1400 करोड़, BRS को 1200 करोड़, BJD को 775 करोड़ और DMK को 639 करोड़ के बांड मिले। शाह ने आगे अपने इंटरव्यू के माध्यम से समझाने की कोशिश की कि हमारे पास 303 सांसद हैं और हमे 6000 करोड़ के बांड मिले हैं। वहीं जिन पार्टियों के 242 सांसद हैं, उन्हें 14000 करोड़ के बांड मिले हैं। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि जब इन बांड की राशि का हिसाब किताब होगा तो ये लोग किसी का सामना नहीं कर पाएंगे।
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