Railway News: चुनाव के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवी का दावा, 'पांच साल में सबके पास होगी कन्फर्म टिकट'

केंद्रीय रेलवे अश्विनी वैष्णव ने रेलवे क्षमता विस्तार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए कहा है कि अगले पांच वर्षों के भीतर सभी रेल यात्रियों के पास कन्फर्म टिकट होंगे।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में सभी रेल यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सकता है। अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे में अभूतपूर्व परिवर्तन किए है।

इस समय सरकार का जोर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने पर है। यह पूरी तरह से एयर कंडीशंड ट्रेन है। लेकिन देश की अधिकतर आबादी एसी क्लास में नहीं बल्कि जनरल और स्लीपर क्लास में सफर करती है। एयर कंडीशंड या एसी क्लास में सफर करने वालों की संख्या तो नॉन एसी के मुकाबले पांच फीसदी से भी कम है। यह जानकारी रेल मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों से मिली है। अब ऐसे में अगर जनरल और स्लीपर में कमी आएगी तो लोगों की जेब पर कीमत भारी पड़ेगी।

क्या बोले रेलवे मंत्री

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में, पीएम मोदी गारंटी देते हैं कि रेलवे की क्षमता इतनी बढ़ा दी जाएगी कि यात्रा करने वाले लगभग सबको आसानी से कन्फर्म टिकट मिल सके।

आगे की बताई रणनीति

रेल मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी 'रेलवे' को और मजबूत किया जाएगा और खासकर यात्रियों के लिए सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जाएगा।

कितना हुआ है विकास

वैष्णव ने पिछले दशक में भारतीय रेलवे के बदलाव पर भी जोर दिया और कहा कि 2014 से 2024 तक 31,000 किलोमीटर नए ट्रैक बनाए गए। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2004 से 2014 तक के 10 वर्षों में, केवल लगभग 5,000 किलोमीटर को बिजली से चलाया गया। जबकि पिछले 10 वर्षों में, 44,000 किलोमीटर तक का रेलवे का विद्युतीकरण हुआ।

मंत्री ने कहा कि 2004-2014 तक केवल 32,000 कोच बनाए गए थे। जबकि पिछले 10 वर्षों में, 54,000 कोच बनाए गए। समर्पित माल गलियारे के लिए, 2014 से पहले एक किलोमीटर भी चालू नहीं किया गया था। रेल मंत्री ने कहा कि अब, 2,734 किलोमीटर के दो समर्पित माल गलियारे चालू हो गए हैं।

स्लीपर की बोगियों की संख्या कम, रेलवे बढ़ाएगी अपनी आय

रेलवे का दावा है कि उनके स्लीपर क्लास को एसी थर्ड क्लास में अपग्रेड करने की डिमांड आ रही है। लेकिन इन ट्रेनों में स्लीपर क्लास की वेटिंग रेलवे के दावे का साथ नहीं दे रहे हैं। रेलवे जनरल, स्लीपर और एसी क्लास के यात्रियों को उनकी संख्या के अनुपात में विभाजित करते हुए अपनी ट्रेनों के रैक में उनकी क्लास का आवंटन करता है।

अमूमन 22 बोगियों वाली ट्रेन में 10 से 12 स्लीपर, चार से पांच जनरल, एक रसोई यान, दो से तीन एसी थर्ड और एक से दो एसी सकेंड की बोगियां होती हैं। स्लीपर क्लास में लखनऊ से मुंबई की यात्रा पर जहां रेलवे को प्रति यात्री 635 रुपये किराया मिलता है। वहीं एसी थर्ड इकोनोमी में उसे 1560 और एसी थर्ड में 1665 रुपये मिलते हैं। रेलवे अपनी आय बढ़ाने के लिए स्लीपर की बोगियों की संख्या लगातार कम कर उसकी जगह एसी थर्ड की बोगियां बढ़ा रहा है।

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