Air Pollution: गुरुग्राम में 'हवा' ने लगाया आपातकाल, वायु प्रदूषण का स्तर हुआ खतरनाक; GRP का तीसरा चरण लागू

Gurugram Air pollution: वायु प्रदूषण के मामले में सिर्फ राजधानी दिल्ली का ही बुरा हाल नहीं है, बल्कि इसके साथ लगते हरियाणा के नंबर-1 शहर गुरुग्राम भी बेहाल है। एकाएक यहां वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया।
Gurugram Air pollution
Gurugram Air pollution

गुरुग्राम, (हि.स.)। वायु प्रदूषण के मामले में सिर्फ राजधानी दिल्ली का ही बुरा हाल नहीं है, बल्कि इसके साथ लगते हरियाणा के नंबर-1 शहर गुरुग्राम भी हाल बेहाल है। शुक्रवार से एकाएक यहां वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। आसमान में स्मॉग छा गया। दिन में भी वाहनों को लाइटें जलाकर चलाना पड़ा। विभिन्न स्थानों पर लगे एयर क्वालिटी इंडेक्स यंत्रों से जो डाटा सामने आया, उससे पता चला कि वायु प्रदूषण की स्थिति यहां काफी भयानक हो गई है।

हर साल काफी बढ़ जाता है प्रदूषण का स्तर

त्योहारी सीजन में हर साल प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाती है। कहने को तो दीपावली पर्व पर पटाखे आदि जलाने पर भी रोक लगाई जाती है, लेकिन प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम ही नहीं लेते। अभी दशहरा खत्म हुआ है और दीपावली का इंतजार है। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। कोई घरों की पुताई करा रहा है तो कोई अपने नए घरों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसी बीच एकाएक वायु प्रदूषण का बढ़ा स्तर चिंता का विषय बन गया है।

एक्यूआई लेवल 291 मापा गया

सुबह गुरुग्राम के लघु सचिवालय के सामने स्थित विकास सदन में लगे यंत्र से एक्यूआई लेवल 291 मापा गया, जो कि अनहेल्दी था। सेक्टर-51 में भी एक्यूआई लेवल 186 आंकड़े के साथ अनहेल्दी ही रहा। आईएमटी मानेसर के सेक्टर-2 में एक्यूआई लेवल 391 तक पहुंच गया, जो कि बहुत ही खतरनाक स्तर है। गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित गवाल पहाड़ी में एक्यूआई लेवल सबसे अधिक 594 तक पहुंच गया। इसे बहुत ही गंभीर स्थिति माना गया है।

निर्माण एवं तोडफ़ोड़ गतिविधियों पर रोक

गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण स्तर को ध्यान में रखते हुए ग्रेडिड रेस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। इस चरण में प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा, वहीं निर्माण एवं तोडफ़ोड़ गतिविधियों पर आयोग द्वारा रोक लगा दी गई है। नगर निगम गुरुग्राम की पर्यावरण एवं स्थिरता विंग के नोडल अधिकारी संयुक्त आयुक्त डा. नरेश कुमार के मुताबिक जीआरएपी के तीसरे चरण में कुछ प्रोजेक्ट को छोडक़र अन्य सभी प्रकार की निर्माण एवं तोडफ़ेेेेोड़ गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इनमें रेलवे सेवाओं, मेट्रो सेवाओं, एयरपोर्ट, इंटर स्टेट बस टर्मिनल, राष्ट्रीय सुरक्षा, डिफेंस, अस्पताल, हाईवे, रोड, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाईपलाईन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर सप्लाई आदि से संबंधित कार्य शामिल हैं। जिन प्रोजेक्ट को छूट मिली है, उन्हें भी पर्यावरणीय नियमों जैसे सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, डस्ट कंट्रोल नॉम्र्स की पालना गंभीरता से सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in