नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि मोदी सरकार उन्हें संसद से बाहर करके सच कहने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि एथिक्स कमेटी के सारे आरोप मनगढ़ंत हैं। मोइत्रा ने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से कहा कि संसद ने नियमों के विरुद्ध जाकर उनकी सदस्यता समाप्त की गई है। संसद की एथिक्स कमेटी ने जो आरोप लगाए हैं उसका कोई साक्ष्य वह पेश नहीं कर पाए हैं। कमेटी ने सारे आरोप मनमाने ढंग से गढ़े हैं। यह एक महिला को चुप कराने की कोशिश हो रही है और अडाणी मुद्दों को दबाने की साजिश की गई है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महुआ पर बदले की भावना से यह कार्रवाई
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महुआ पर बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई है। महुआ को अपनी बात रखने तक का मौका नहीं दिया गया। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जिसके बयान के आधार पर महुआ को निकाला गया है, वह दुबई में बैठा है। उसे भी पूछताछ के लिए बुलाना चाहिए था। बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि महुआ के साथ अन्याय हुआ है। एथिक्स कमेटी ने मनमाने ढंग से उनपर आरोप मढ़े हैं। महुआ मोइत्रा की सदस्यता खत्म होने के बाद लोकसभा से विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया और संसद भवन परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मोइत्रा के साथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी नजर आईं।
ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में की गई सिफारिश के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनके निष्कासन का फैसला किया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। लोकसभा के फैसले के कुछ मिनट के भीतर ममता ने कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है।"ममता ने कहा, "महुआ को अपने बचाव में बोलने का भी अवसर नहीं दिया गया। एक महिला को भाजपा ने अपने राजनीतिक हित साधने के लिए जिस तरह परेशान किया वह लोकतंत्र की हत्या है। पार्टी महुआ मोइत्रा के साथ थी और है। इससे एक बार फिर भाजपा की प्रतिहिंसा की राजनीति साबित हो गई।"
क्या था पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रइ ने मोइत्रा पर संसद में घूस लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इस संबंध में जांच के लिए उन्होंने सीबीआई के महानिदेशक को पत्र भेजा था, जिसके साथ उन्होंने कई साक्ष्य शामिल किए थे। देहाद्रइ की शिकायत के आधार पर झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया कि हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से ''कैश और महंगे तोहफे लेकर'' संसद में सवाल पूछती हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से महुआ मोइत्रा को निलंबित करने की मांग की। इस मामले को लेकर संसद की एथिक्स कमेटी ने जांच की और महुआ से पूछताछ हुई थी।
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