2024 से पहले कैसे भाजपा सरकार को पटखनी देने की तैयारी में जुटे सीएम केजरीवाल? यहां जानिए पूरा गणित

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में केंद्र सरकार के अध्यादेश को पास ना होने देने के लिए विपक्षी पार्टियों से अपील की है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फोटो क्रेडिट-सोशल मीडिया)
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फोटो क्रेडिट-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर करने का अधिकार दिया था। इसके एक सप्ताह बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया। अध्यादेश में कहा गया कि दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांस्फर का आखिरी फैसला उपराज्यपाल का ही होगा। इसके बाद से ही केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई। इसी के साथ सीएम अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में इस अध्यादेश को पास ना होने देने के लिए विपक्षी पार्टियों से अपील की है। साथ ही केजरीवाल 2024 के चुनाव से पहले भाजपा सरकार को पटखनी देने की तैयारी में जुट गए हैं।

सीएम ममता से मिले केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ देशभर में गोलबंदी शुरू कर दी है। इसी के साथ केजरीवाल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करने के लिए कोलकाता पहुंचे। यहां पर उन्होंने दीदी से अध्यादेश को राज्यसभा में पास ना होने देने की अपील की। ममता ने भी केजरीवाल का समर्थन करते हुए अन्य दलों से भी राज्यसभा में इस अध्यादेश के खिलाफ वोट करने की अपील की।

नीतीश और तेजस्वी से भी की थी मुलाकात

सीएम ममता बनर्जी से पहले केजरीवाल ने सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से अपने आवास पर मुलाकात की थी। यहां पर नीतीश विपक्षी एकता को मजबूत करने के मकसद से केजरीवाल से मिलने पहुंचे थे। हालांकि, केजरीवाल ने नीतीश से भी केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। केजरीवाल ने कहा था कि गैर-बीजेपी दल एक साथ आ जाएं तो इस बिल को राज्यसभा में हराया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो ये सेमीफाइनल होगा और 2024 में ये संदेश जाएगा कि बीजेपी की सरकार जा रही है।

उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी करेंगे केजरीवाल मुलाकात

केजरीवाल ने कहा कि वो ममता बनर्जी से मुलाकात करने के बाद शिव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। इसके बाद एनसीपी के प्रमुख शरद पवार से भी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ एकजुट होने की अपील करेंगे। ।

दिल्ली के एक-एक घर जाऊंगा

दिल्ली की आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने के बाद लगातार हमलावार है। केजरीवाल ने अध्यादेश को लेकर कहा कि मैं दिल्ली के एक-एक घर जाऊंगा, उन्हें बताऊंगा कि कैसे इन्होंने एक-एक व्यक्ति की शक्ति को छीना है। तानाशाही आ जायेगी तो जनता जिंदा कैसे रहेगी? लोगों के काम कौन करेगा?

11 जून को आप पार्टी करेगी अध्यादेश के खिलाफ महारैली

आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करेगी। इसके अलावा केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों के हक के लिए मैं सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से मिलकर उनका साथ मागूँगा।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के अध्यादेश को देंगे चुनौती

आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट गर्मियों छुट्टियों के लिए जैसे ही बंद हुआ केंद्र सरकार अध्यादेश ले कर आ गई क्योंकि उन्हें पता था कि सुप्रीम कोर्ट में ये अध्यादेश पांच मिनट भी नहीं टिकेगा। पार्टी ने कहा कि जब एक जुलाई को SC खुलेगा तो हम इस अध्यादेश को चुनौती देंगे

2024 के चुनाव से पहले भाजपा को पटखनी देने की तैयारी केजरीवाल की

सीएम केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश लाने के बाद भाजपा पर एक-एक बाद एक हमला बोल रहे हैं। उन्होंने भाजपा के खिलाफ देशभर में गैर-भाजपा दलों को एकजुट करने की मुहीम छेड़ रखी है। इसी कड़ी में केजरीवाल सीएम नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करने के बाद अगली मुलाकात शिव सेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से करेंगे।

राज्यसभा का क्या है गणित

केंद्र सरकार का अध्यादेश लोकसभा में बहुमत होने के चलते पास हो जाएगा, लेकिन राज्यसभा में अटक सकता है, क्योंकि यहां पर बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। राज्यसभा में फिलहाल 238 सीटें हैं, जिसमें से अकेले बीजेपी के पास 91 सीटें हैं और एनडीए के अन्य गठबंधन दलों की 19-20 सीटें जोड़ने के बाद ये आंकड़ा 110 के करीब पहुंचता है। ऐसे में ये आंकड़ा बहुमत को छूता हुआ नजर नहीं आ रहा। राज्यसभा में किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत के लिए 120 सीटों की आवश्यकता है।

राज्यसभा में सीटों का आंकड़ा

बीजेपी गठबंधन (एनडीए)-110 सीटें

कांग्रेस गठबंधन (यूपीए) -64 सीटें

बीजेपी और कांग्रेस के अलावा टीएमसी के पास 12 सीटें हैं, आप 10, बीजेडी 9, वाईएसआरसीपी 9, बीआरएस 7, सीपीआई (एम) 5, एसपी 3, सीपीआई के पास 2 सीटें हैं। इनके अलावा सात सीटें अन्य दलों के पास हैं जो कुल मिलाकर 64 होती हैं। इन सभी सीटों को मिलाकर 238 सीटें होती हैं और बहुमत के लिए चाहिए 120 का आकड़ा।

राज्यसभा में कांग्रेस के बिना केजरीवाल की जीत मुश्किल

राज्यसभा के सीटों के आंकड़ों से साफ समझा जा सकता है कि बहुमत के लिए 120 सीटों की आवश्यकता है। इसके लिए किसी भी दल और गठबंधन के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा में केजरीवाल को भाजपा के अध्यादेश को पास होने से रोकने के लिए कांग्रेस के साथ की बहुत जरूरत होगी, क्योंकि कांग्रेस के गठबंधन के पास 64 सीटें हैं। इसके अलावा टीएमसी, बीजेडी, वाईएसआरसीपी, बीआरएस और अन्य पार्टियों को मिलाकर 64 सीटें बैठती हैं। ऐसे में केजरीवाल को अधिकतम सभी पार्टियों के समर्थन के जरूरत होगी और बिना कांग्रेस के ये मुमकिन नजर नहीं आता।

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