संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत जारी, 21 दलों का बहिष्कार, 17 दल आए भाजपा के साथ, जानिए पूरी डिटेल

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक हलकों में सियासत गरमाई हुई है। 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं।
संसद भवन उद्घाटन को लेकर दो धड़े में बंटी पार्टियां
संसद भवन उद्घाटन को लेकर दो धड़े में बंटी पार्टियां

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीति तेज हो रही है। इसके लिए 19 दलों ने संयुक्त और दो अन्य पार्टी समेत 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने के लिए कहा है। इन पार्टियों का कहना है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपित से करवाया जाना चाहिए। वहीं, नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी से कराए जाने के पक्ष में 17 दल बीजेपी के साथ आए हैं।

अमित शाह ने बताया सभी दलों को दिया गया आमंत्रण

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक हलकों में सियासत गरमाई हुई है। 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस उद्घाटन में सभी दलों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, नए संसद भवन के उद्घाटन का 19 विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त रूप से बहिष्कार कर कहा कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करेंगे, क्योंकि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। इन सभी विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए।

21 विपक्षी दल नए संसद भवन समारोह का बहिष्कार करने वाले

28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह पीएम मोदी करने वाले हैं, भाजपा के इस फैसले से आक्रोशित होकर19 विपक्षी पार्टी (संयुक्त रूप से) और दो अन्य दल समेत कुल 21 पार्टियों ने विरोध किया है। इन दलों ने कहा कि हमने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इसमें कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके,आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), समाजवादी पार्टी, सीपीआई, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, आरएलडी, जेडीयू, एनसीपी, सीपीआई(एम) , आरजेडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और एमडीएमके शामिल हैं। इसके अलावा दो दल एआईएमआईएम और एआईयूडीएफ ने भी बीजेपी के इस फैसले का विरोध किया है।

कांग्रेस पार्टी ने किया बहिष्कार

28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन का 19 दलों के बहिष्कार पर कांग्रेस महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह राष्ट्रपति और भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को कमजोर करता है, आप लोकतांत्रिक सिद्धांतों और प्रोटोकॉल को कमजोर कर रहे हैं, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने सभी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से बात की और वो सभी दल भी इस कार्यक्रम को बहिष्कार करने के लिए तैयार हुए।

संजय सिंह ने क्या कहा- नए संसद भवन के उद्घाटन पर

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, 'बीजेपी दलितों पिछड़ों आदिवासियोंं की जन्मजात विरोधी है। राष्ट्रपति के अपमान की ये दूसरी घटना है, पहला अपमान प्रभु श्री राम के मंदिर शिलान्यास में श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया। दूसरा अपमान संसद भवन के उद्घाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी को न बुलाना।'

तेजस्वी यादव का बयान

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, 'हमारी सभी लोगों से बात हुई है। हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है।'

संजय राउत का बयान ने क्या कहा?

संजय राउत ने कहा कि पुराना संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न आरएसएस और न भाजपा का कोई रिश्ता है। यह खर्चा सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा का उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए हो रहा है।

बीजेपी को मिलाकर 17 दल नए संसद भवन के उद्घाटन के पक्ष में

नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना चाहिए, इसके पक्ष में बीजेपी समेत 17 दल हैं। इसमें बीजेपी, बीएसपी, बीजेडी, एलजेपी, युवाजन श्रमि‍क रायथु कांग्रेस पार्टी, शिव सेना (शिंदे गुट) ,तेलुगू देशम पार्टी, एनपीपी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, अपना दल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार), एआईएडीएमके, मिजो नेशनल फ्रंट, शिरोमणि अकाली दल और एजेएसयू पार्टी शामिल हैं।

मायावती ने किया समर्थन

मायायवी ने नए संसद भवन का उद्घाटन पर बीजेपी का सर्मथन करते हुए कहा कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।

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