Raghav Chadha Bungalow: राघव चड्ढा के सरकारी आवास आवंटन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित

Raghav Chadha Bungalow: दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी के आदेश पर रोक लगाने की मांग पर फैसला सुरक्षित रखा।
Raghav Chadha
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नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी के आदेश पर रोक लगाने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने आज दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

टाइप छह का बंगला चड्ढा की सुरक्षा के लिहाज़ से अनुपयुक्त

राघव चड्ढा की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 8 सितंबर, 2022 को उपराष्ट्रपति ने टाइप सात बंगला आवंटित किए जाने को मंजूरी दी थी। क्योंकि पंजाब से उनको मिल रही धमकियों की वजह से जेड प्लस सुरक्षा मिली है। सुरक्षा पुनरीक्षण समिति ने भी टाइप छह बंगले को चड्ढा की सुरक्षा के लिहाज़ से अनुपयुक्त बताया था। उन्होंने कहा कि य़ह ऐसा मामला है, जहां उपराष्ट्रपति, जो देश के सर्वोच्च अथॉरिटी में से एक होते हैं, उन्होंने फ़ाइल पर पूरी तरह से विचार कर फैसला लिया था।

उपराष्ट्रपति ने दिया था बंगला आवंटित करने का आदेश

सिंघवी ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने बंगला आवंटित करने का आदेश दिया था लेकिन राज्यसभा आवास आवंटन करने वाली समिति ने 3 मार्च को टाइप सात बंगला खाली करने का नोटिस भेज दिया जबकि याचिकाकर्ता करीब साल भर से यहां रह रहा था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने आवास आवंटन समिति को पत्र लिखा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। नोटिस के 10 दिनों के भीतर याचिका दाखिल कर दी गई।

कोर्ट में सिंघवी ने रखा राघव का पक्ष

सिंघवी ने कहा कि राघव चड्ढा को पंजाब में सुरक्षा मिली हुई है लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता कि दिल्ली में सुरक्षा कम कर दी जाए और यहां मेरी हत्या हो जाए। मुझे हर कहीं सुरक्षा घेरे में रहना है। ऐसे में सुरक्षा घेरे के मुताबिक याचिकाकर्ता को बंगले का आवंटन नहीं किया जाना खतरनाक है। सिंघवी ने कहा कि राज्यसभा के 245 में से 115 सांसदों को उनके अधिकृत स्तर से बड़े स्तर के बंगले आवंटित है। जनरल पूल में भी 65 ऐसे ही बंगले आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मेरी शादी के समय से ही जानबूझ कर मुझे परेशान करने की नीयत से ऐसा किया गया है।

क्या है मामला?

दरअसल, राज्यसभा सचिवालय की ओर से राघव चड्ढा को सबसे पहले नई दिल्ली में टाइप 7 बंगला आवंटित किया गया था, जो आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री को दिया जाता है। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी ने उनको दूसरा नया बंगला उनकी सांसद कैटेगरी के अनुसार टाइप 6 आवंटित किया, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे। अब उनके सरकारी आवास का आवंटन टाइप 5 का पात्र होने के चलते एक बार फिर से उसको रद्द कर दिया गया।

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