
नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है। यहां पर कुछ दिनों के लिए हिंसा रुकने के बाद सोमवार को दोबारा फिर देखने को मिली। जिसमें मणिपुर के इंफाल में उपद्रवियों ने कई खाली पड़े मकानों को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद वहां पर सेना की तैनाती है, इसके अलावा प्रशासन ने वहां पर पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का ऐलान किया था। इसी को लेकर अब कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केन्द्र और राज्य सरकार मणिपुर हिंसा को रोक पाने में विफल रही है। साथ ही पार्टी ने कहा कि इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए केन्द्र सरकार को मैतेई और कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों से संवाद करना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय कुमार ने बीजेपी साधा निशाना
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय कुमार ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मैतेई और कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों को बुलाकर बातचीत करनी चाहिए, जिससे मामले का समाधान निकाला जा सके।'
हिंसा पीड़ितों को पांच-पांच लाख रुपये देने की मांग की
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता व महासचिव मुकुल वासनिक मणिपुर गए थे। यहां पर राज्य के आम लोगों से बातचीत की और वहां के राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा है। कुमार ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा और हिंसा के दौरान घायल हुए लोगों को 5-5 लाख रुपये देने की मांग की है।
कांग्रेस का दावा मणिपुर हिंसा में 54 हजार लोगों को होना पड़ा विस्थापित
मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस ने दावा किया है कि हिंसा में 54 हजार लोगों को विस्थापित होना पड़ा और करीब 100 लोगों की मौत हुई। जबकि, दो हजार घर सहित 20 पुलिस स्टेशनों, 200 चर्च और 05 मंदिर को आग के हवाले किया गया। यह सामान्य घटना नहीं है। केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
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