छोटे शहरों में हवाई यात्रा करने वालों के लिए बुरी खबर, पार्किंग और यूजर डेवलपमेंट फीस में हो सकती है बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने छोटे हवाईअड्डों पर लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में 30 फीसदी और यूजर डवलपमेंट शुल्क में चार गुना बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।
छोटे शहरों में हवाई यात्रा करने वालों के लिए बुरी खबर
छोटे शहरों में हवाई यात्रा करने वालों के लिए बुरी खबर

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार हवाईअडडों के पार्किंग शुल्क और यूजर डवलपमेंट फीस में बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। इस कारण छोटे शहरों में हवाई मार्ग से आना-जाना महंगा हो सकता है। ऐसा हवाई अड्डों पर विमानों की लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी के कारण होगा।

छोटे हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाले करीब 35 लाख यात्रियों पर हो सकता है असर

केंद्र सरकार ने छोटे हवाईअड्डों पर लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में 30 फीसदी और यूजर डवलपमेंट शुल्क में चार गुना बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। नागरिक विमानन मंत्रालय ने इस आशय का ड्राफ्ट जारी किया है। इस पर 28 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो छोटे हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाले करीब 35 लाख यात्रियों पर इसका असर हो सकता है।

लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में संशोधन न होने से 4000 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा

उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। इस योजना को रीजनल कनेक्टिविटी के मकसद से शुरू किया गया था। ड्राफ्ट नोट में मंत्रालय ने कहा कि देश में प्रमुख रूप से एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) उड़ानें संचालित करती हैं। एएआई का कहना है कि लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में संशोधन न होने से छोटे हवाई अड्डों को हर पांच साल में 4000 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।

देश में 17 हवाई अड्डों का संचालन कर रही हैं निजी कंपनियां

अडानी ग्रुप के पास इस समय देश के सात एयरपोर्ट हैं। इसमें मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, गोवाहाटी और तिरूवंतपुरम शामिल हैं। इसके अलावा निजी कंपनियां भी कई हवाई अडडों का संचालन कर रही हैं। देश में कुल 17 हवाईअडडों को निजी कंपनियां संचालित कर रही हैं। कलस्टर-1 में हर साल 10 लाख या उससे ज्यादा यात्रियों वाले 13 हवाईअड्डे, कलस्टर-2 में हर साल एक लाख से 10 लाख तक यात्रियों वाले 32 हवाईअड्डे और कलस्टर-3 में हर साल एक लाख से कम यात्रियों वाले 32 हवाई अड्डे शामिल हैं। 

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