सिसोदिया की बढ़ी मुश्किल, केस दर्ज करने के लिए CBI ने एलजी से मांगी अनुमति

CBI ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी है। सीबीआइ ने कहा, दिल्ली सरकार फीडबैक यूनिट का इस्तेमाल राजनीतिक जासूसी के लिए कर रही थी।
Manish Sisodia
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नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली आबकारी घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब एक अन्य मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी है।

 सतर्कता विभाग को सौंपी रिपोर्ट

एक शिकायत पर सीबीआई की ओर से प्रारंभिक जांच में दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार ने अपनी योजनाएं लागू करने से पहले एवं बाद में फीडबैक लेने के लिए जो यूनिट बनाई, उस यूनिट के जरिए आम आदमी पार्टी की सरकार राजनीतिक खुफिया जानकारी एकत्रित कर रही है। सीबीआई ने 12 जनवरी 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी मांगी है।

दिल्ली सरकार के फीडबैक यूनिट के लोग भी शामिल

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के अलावे पूर्व विजिलेंस डायरेक्टर आरके सिन्हा, दिल्ली सरकार के फीडबैक यूनिट के अधिकारी प्रदीप कुमार पुंज, सतीश व मुख्यमंत्री के सलाहकार गोपाल मोहन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मांगी है।

फीडबैक यूनिट का राजनीतिक इस्तेमाल

उपराज्यपाल कार्यालय सूत्रों की माने तो एलजी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के अनुरोध को गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति के पास भेजा है। आरोप के मुताबिक आम आदमी पार्टी की सरकार ने वर्ष 2016 में फीडबैक यूनिट बनाई थी, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक जासूसी के लिए किया जाता था। सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक यूनिट के लिए एक करोड़ रुपये का भी आवंटन किया गया था।

BJP का आरोप

वहीं इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि आम आदमी पार्टी छिपकर बातें सुन रही है। दिल्ली की फीडबैक यूनिट जासूसी कर रही है। दिल्ली के लिए काम नहीं, बल्कि दिल्ली के टैक्सपेयर्स के पैसों से अवैध तरीके से जासूसी करते हैं आप के नेता।

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