पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हिंसा को लेकर भाजपा हमलावर, बताया लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में जिस प्रकार के दृश्य दिखाई दे रहे हैं, हिंसा का जो तांडव दिखाई पड़ रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

नई दिल्ली, हिन्दुस्थान समाचार। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमलावर है। शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में जिस प्रकार के दृश्य दिखाई दे रहे हैं, हिंसा का जो तांडव दिखाई पड़ रहा है, यह कष्टकारक है। इससे भी अधिक दुखद है, वहां की सरकार की असंवेदनशीलता। हमारे कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक हमले हुए हैं। लोकतंत्र का हिंसा से घायल स्वरूप आज जो पश्चिम बंगाल में दिख रहा है।

मनुष्यता पूरी तरह से व्यथित और कलंकित नजर आ रही

उन्होंने कहा कि जो मां, माटी, मानुस की बात करती थीं, आज वहां भारत मां के विरुद्ध शक्तियां खड़ी हो रही हैं, माटी खून से सनी है और मनुष्यता पूरी तरह से व्यथित और कलंकित नजर आ रही है, उसको देख कर भी, किसी विपक्षी दल को कोई समस्या नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि वे तृणमूल कांग्रेस को यह कहना चाहते हैं कि यह हिंसा का जो खेल आप खेल रहे हैं, ऐसा ही कम्युनिस्ट सरकार करती थी, आज उनका हाल सभी के सामने हैं।

अटल बिहारी वाजपायी की लिखी पंक्तियों का दिया उदाहरण

अटल जी की लिखी पंक्तियां हैं का उदाहरण देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि चिंगारी का खेल बुरा होता है, औरों के घर में आग लगाने का सपना अपने घर में ही अक्सर खरा होता है। पश्चिम बंगाल की सरकार और पुलिस जिस प्रकार से बर्ताव कर रही है वो भारत के लोकतांत्रिक और चुनावी इतिहास में एक बहुत ही काला अध्याय है।

नामांकन को लेकर उठाया सवाल

उन्होंने बताया कि बंगाल में 341 ब्लॉक हैं। आखिरी दिन यहां, 4 घंटे के अंदर 40 हजार से अधिक लोगों ने नामांकन किया है, यानी एक व्यक्ति के नामांकन का समय औसतन 2 मिनट आता है। इस गति से हुए नामांकन दर्शाते हैं कि स्थानीय सरकार किस तरह से व्यवस्था को अपने हाथ में लिए हुए है। क्या यह लोकतंत्र का उपहास नहीं है?

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