
नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी जीत के बाद 2024 के चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई। अब अगले आम चुनाव में विपक्ष भाजपा को चारों तरफ से घेरने की मुहिम में जुट गया है। कर्नाटक में मिली हार के बाद बीजेपी का दक्षिण में आखिरी किला भी ढह गया जो दक्षिण भारत की राजनीति का गलियारा कहा जाता है। अब ममता, नीतीश से लेकर अखिलेश यादव भी कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी का मुकाबला करने की जद्दोजहद में लग गए है। इसके लिए नीतीश और ममता ने विपक्षी नेताओं को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने की पहल शुरू कर दी है।
जहां पर जो पार्टी मजबूत है वो लड़े
अगले वर्ष 2024 में अठारहवीं लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं। इसी की तैयारी के लिए अभी से ही विपक्षी एकता को मजबूत करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बंगाल की सीएम ममात बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता साथ आए हैं। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता ने एक बयान जारी कर कह कि जहां पर जो पार्टी मजबूत है, उसे प्राथमिकता देनी चाहिए। जहां कांग्रेस मजबूत वहां पर उसे लड़ने दीजिए। इसमें किसी अन्य पार्टी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
कांग्रेस 200 सीटों पर लड़े 2024 का चुनाव
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने के लिए एक नया राजनीतिक फार्मूला कांग्रेस के सामने रखा। ममता ने कहा, "हमारा आकलन है कि जिन करीब 200 सीटों पर कांग्रेस मजबूत है, वहां वो बीजेपी से सीधे लड़े, हम उनका समर्थन करेंगे। हालांकि, दूसरी जगहों पर कांग्रेस को अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा।
बंगाल में मेरे खिलाफ न लड़े कांग्रेस
ममता बनर्जी ने कहा, ‘अगर मैं कर्नाटक में आपका समर्थन करती हूं, लेकिन आप बंगाल में मेरे खिलाफ लड़ें, यह नीति नहीं होनी चाहिए। यदि आप कुछ अच्छा हासिल करना चाहते हैं तो आपको कुछ क्षेत्रों में त्याग करना होगा।‘
विपक्षी नेता इन 200 सीटों पर कांग्रेस को करना चाहते हैं सीमित
कांग्रेस पार्टी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला ज्यादातर उत्तर भारत के हिस्से में है। विपक्ष के नेता कांग्रेस पार्टी से चाहते हैं कि वो 200 मजबूत सीटों से अपने उम्मीदवार उतारे जहां पर वो मजबूत स्थिति में है। इसमें मध्य प्रदेश (29), कर्नाटक (28), राजस्थान (25) छत्तीसगढ़ (11), गुजरात (26) और असम (14), हरियाणा (11), हिमाचल (4), उत्तराखंड (5), गोवा (2), अरुणाचल प्रदेश (2), मणिपुर (2), अंडमान निकोबार (1) के सहित लद्दाख (1) की सीटों हैं। कुल मिलाकर ये 162 सीटें होती हैं। इसके अलावा बाकी बचीं 38 सीटों वो हैं, जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, लेकिन मुकाबला कांग्रेस से होता है।