छत्तीसगढ़
मीट बैन दोनों तरफ से खोखली बातें, खानपान नहीं स्वाद निजी मसला होता है…
-बरुण सखाजी Meat ban : खानपान को लेकर यह दलील बड़ी अवैज्ञानिक है कि यह सबका वैयक्तिक पसंद का मसला है। असल में खानपान वैयक्तिक पसंद नहीं हो सकता, क्योंकि खानपान शरीर की जरूरत के अनुरूप होता है। प्रकृति ने सबके लिए अलग दैहिक आणविक संरचनाएं बनाई हैं और सामानांतर क्लिक »-www.ibc24.in