लातूर (महाराष्ट्र), एक फरवरी (भाषा) शिक्षाविद डॉ. जनार्दन वाघमारे ने कहा कि लोगों को जोड़ने का काम करने वाला साहित्य अतीत में एक विशेष वर्ग तक ही सीमित था, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा है और यह समाज के सभी स्तरों तक पहुंच गया है। नांदेड़ स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ क्लिक »-www.ibc24.in