CG Election: जानें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का पूरा राजनीतिक सफर, क्यों है गरीबो के मसीहा?

Chhattisgarh: कहते है कि सोच और कर्म अच्छे हो तो मंजिलो तक राह खुद ही बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ था, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के साथ। डॉक्टरी के पेशे से धनी बनने का कभी नहीं सोचा
The entire political journey of former CM of Chhattisgarh, Dr. Raman Singh
The entire political journey of former CM of Chhattisgarh, Dr. Raman Singh raftaar.in

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कहते है कि सोच और कर्म अच्छे हो तो मंजिलो तक राह खुद ही बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ था, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के साथ। वह पेशे से एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। उन्होंने अपने डॉक्टरी के पेशे से धन अर्जन कर धनी इंसान बनने का कभी नहीं सोचा। बल्कि वे मुफ्त में गरीबो, पिछड़ो और जरुरतमंदो का ईलाज करते रहे। फलस्वरूप उन्हें समय के साथ साथ अपने गृह राज्य का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसका उन्होंने जरुरतमंदो की भलाई के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं बनाकर, अंजाम दिया। उनकी योजनाओ से प्रदेश के जरुरतमंदो ने भरपूर लाभ मिला।

युनाइटेड नेशन भी डॉक्टर रमन सिंह के कार्यो की सराहना कर चूका है

डॉ. रमन ने नक्सली संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए ‘सलवा जुडूम’ अभियान चलाया। युनाइटेड नेशन ने भी डॉक्टर रमन सिंह के कार्यो की सराहना की थी, उन्होंने खासतौर पर रमन सरकार के वित्तीय प्रबंधन की प्रशंसा की थी। डॉ. रमन सिंह ने लोगों के मुफ्त इलाज के लिए 'भारत माता चिक्तिसालय' बनावाएं है। 2014 में डॉक्टर रमन सिंह की कमान पर छत्तीसगढ़ को अलग अलग भाषाओ के लिए पुरूस्कार से भी सम्मानित किया जा चूका है। उनके इन पुरुस्कार का नाम पर्यटन साहित्य और ‘राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार’ हैं। रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए काफी कार्य किये है। उनका राजनीति में प्रवेश ही समाज सेवा के उद्देश्य से हुआ है। वह प्रदेश बीजेपी में अपना महत्वपूर्ण कद रखते हैं। इनके कार्यकाल में विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए 2017 में ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चूका है। उनकी क्रिकेट और वॉलीबॉल जैसे खेलों में भी दिलचस्पी है। साथ ही यह कवर्धा के यूथ क्लब के सदस्य भी है। उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत ही सराहनीय कार्य किये हैं। उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए बीजेपी ने उन्हें राजनंदगांव विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है।

जन्म, शिक्षा और परिवार

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1952 को कवर्धा, मध्य प्रदेश में हुआ था, जो अब छत्तीसगढ़ में आता है। उनके पिता का नाम विघ्नहरण सिंह ठाकुर और माता का नाम सुधा सिंह था। उनकी पत्नी का नाम वीणा सिंह है, जिससे उनको एक बेटा और एक बेटी है। उन्होंने बीएएमएस की डिग्री वर्ष 1975 में प्राप्त की थी। इन्होंने 23 साल की उम्र में कवर्धा में चिकित्सा प्रैक्टिस शुरू की। एक डॉक्टर के रूप में उन्होंने गरीबो की बहुत सेवा की। इसी प्रसिद्धि के कारण वे प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे थे और निरंतर अपनी अमूल्य सेवा देते रहे।

उनका राजनीतिक सफर

डॉक्टर रमन सिंह को बीजेपी ने 2018 में राजनंदगांव से विधानसभा का टिकट दिया, जिसमे उन्होंने जीत दर्ज की थी। रमन सिंह अपनी विधान सभा सीट में जीत हासिल कर, विधायक बने। लेकिन उनकी पार्टी बीजेपी को इस विधानसभा चुनाव में बड़ी हार का स्वाद चखना पड़ा था। जिसके कारण डॉक्टर रमन सिंह का 15 साल का शासन समाप्त हो गया था।

2013 में मुख्यमंत्री का दूसरा कार्यकाल संभाला था

डा. रमन सिंह ने 2013 में अपनी पार्टी बीजेपी को प्रदेश में बड़ी जीत दिलवाई थी। जिसके कारण उन्हें मुख्यमंत्री का कार्यभार सौपा गया था। उन्होंने विधायक का चुनाव राजनंदगांव विधानसभा क्षेत्र से ही जीता था। डॉक्टर रमन सिंह ने 12 दिसंबर 2008 को दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल था। वह 2008 में फिर से विधायक बने थे।

उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्री का कार्यभार भी सौपा गया था

2004 में डॉ. रमन छत्तीसगढ़ विधान सभा से विधायक बने थे। वर्ष 2003 में डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में 7.12.2003 को शपथ ली थी। वर्ष 1999 में वह 13 वीं लोकसभा से सांसद बने और उन्हें राज्य वाणिज्य और उद्योग मंत्री का कार्यभार सौपा गया। उन्होंने यह जिम्मेदारी 13.10.99 से 29.01.2003 तक निभायी थी। वे 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में दुबारा चुने गए थे। 1990 में डॉ. रमन सिंह मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए थे। जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने भली भांति निभाई थी।

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