श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी मां काली को दी विदाई, विसर्जन शोभायात्रा के दौरान लगे मां काली के जयकारे
श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी मां काली को दी विदाई, विसर्जन शोभायात्रा के दौरान लगे मां काली के जयकारे

श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी मां काली को दी विदाई, विसर्जन शोभायात्रा के दौरान लगे मां काली के जयकारे

भागलपुर, 17 नवम्बर (ह.स.)। भागलपुर की अधिकांश काली प्रतिमाओं का विसर्जन मायागंज स्थित काली विसर्जन घाट पर बनाए गए कृत्रिम तालाब में मंगलवार शाम से लेकर देर रात तक होता रहा। लोगों ने घाट पर आरती कर सुख-समृद्धि की कामना के साथ मां काली को विदाई दी। श्रद्धालुओं ने मां काली को नम आंखों से विदाई दी और उनके चरणों में शीश झुका उनका आशीष लिया। इसके पूर्व सोमवार देर रात से जय मां काली के जयघोष से शहर गुंजायमान होता रहा। शोभायात्रा में सबसे आगे रहने वाली मां काली परबत्ती की प्रतिमा सोमवार रात्रि के 8:30 बजे उठाई गई। इस दौरान युवा एक से एक करतब दिखाते हुए आगे बढ़ रहे थे। मां काली की प्रतिमाएं स्टेशन चौक पर सोमवार देर रात पहुंची थी जहां से मध्य रात्रि के बाद विसर्जन शोभायात्रा शुरू हुई। सबसे पहले परबत्ती की मां बुढ़िया काली और सबसे अंतिम में जोगसर की बम काली का विसर्जन हुआ। परबत्ती मां बुढ़िया काली की अगुवाई कामेश्वर यादव कर रहे थे। विसर्जन शोभायात्रा को 7 किमी की दूरी तय करने में लगभग 20 घंटे लगे । शोभायात्रा शाम 6:00 बजे विसर्जन घाट पहुंची। सबसे पहले परबत्ती की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इसके पीछे नयाटोला परबत्ती, रजक टोला परबत्ती, लालकोठी की प्रतिमा का विसर्जन बारी-बारी से किया गया। प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला शाम 6 बजे शुरू और देर रात तक प्रतिमा का विसर्जन किया गया। विसर्जन शोभायात्रा के दौरान मां के दर्शन के लिए सड़क के दोनों ओर श्रद्धालु कतारबद्ध खड़े थे। लोग परबत्ती की प्रतिमा को एक नजर देखने के लिए अपने-अपने घरों की छतों से भी निहार रहे थे। इस दौरान कोतवाली चौक से नयाबाजार, आदमपुर चौक तक मेला लगा रहा। मां काली के जयकारे लोगों में जोश भरने का काम कर रही थी। विसर्जन शोभायात्रा के दौरान स्टेशन चौक से गुजरती जरलाही की मां काली की प्रतिमा के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। विसर्जन शोभायात्रा मुसहरी काली घाट पहुंची जहां लोगों ने जमकर मां काली के जयकारे लगाए। स्टेशन चौक पर काली महारानी महानगर केंद्रीय महासमिति कार्यालय में पूजा समिति के पदाधिकारी और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। समिति के अध्यक्ष ब्रजेश साह, कार्यकारी अध्यक्ष प्रो सुरेश प्रसाद यादव, महामंत्री शिशुपाल भारती, संरक्षक कामेश्वर यादव, सत्यनारायण प्रसाद, प्रवक्ता गिरीश चंद्र भगत, जयनंदन आचार्य, अभय कुमार घोष सोनू, विनय कुमार सिन्हा, कन्हाई लाल,दिनेश मंडल, विश्वेश आर्य, मनोज कुमार, ज्योतिष मंडल, विनय कुमार झा सूरज, श्याम प्रसाद मंडल, सुधांशु शेखर भारती, प्रीतम विश्वकर्मा सहित शहर के अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। विसर्जन शोभायात्रा को लेकर स्टेशन का नजारा कुछ और था। विसर्जन शोभायात्रा को देखने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से लोग पहुंचे थे। वहीं बंगाली पद्धति से स्थापित 15 प्रतिमाओं में से 12 का विसर्जन रविवार को ही कर दिया गया। महिला भक्तों ने नम आंखों से मां को खोइंचा देकर विदा किया। कई प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार को किया गया। सोमवार को नाथनगर में भव्य विसर्जन शोभयात्रा निकाली गई। जिले की सबसे बड़ी बहबलपुर की काली का विसर्जन मंगलवार को बायपास मार्ग से चंपापुल घाट पर किया गया। मेढ़पति अजय सिंह ने बताया कि रविवार के दिन करीब 401 पाठा बली मां को भक्तों द्वारा अर्पित किया गया जबकि सोमवार के दिन 100 बली और दी गई। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/विभाकर-hindusthansamachar.in

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