मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल का जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल का जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन
मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल का जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

सहरसा,27 दिसम्बर(हि.स.)। महिषी के प्राचीन धरोहर के रूप में विख्यात मंडनधाम पर सेंटर फाॅर स्टडीज ऑफ़ ट्रेडिशन एंड सिस्टम्स, नई दिल्ली के सौजन्य से रविवार को मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन मंडनधाम महिषी में किया गया।इस अवसर पर जिलाधिकारी कौशल कुमार, डीडीसी राजेश कुमार, साहित्यकार भीमनाथ झा, ललितेश मिश्र, डाॅ सविता खान, अजय पाठक एवं अन्य विद्वतजनों द्वारा दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया।इस दौरान विद्वानों द्वारा कोशी के वैभवशाली इतिहास ,प्राचीन सांस्कृति आज की परिस्थिति में जलसंरक्षण ,महिला उत्थान,सहित कई सामाजिक विषयों पर विमर्श किया। जिलाधिकारी श्री कुमार ने कहा कि यह क्षेत्र अध्यात्मिक धरोहर के रूप में प्रसिद्ध है । विद्वत्ता के कारण इस क्षेत्र की सम्पूर्ण विश्व में चर्चित है। वही मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से यहाँ की मूलभूत समस्या पर गहन चिंतन समाज को नई उर्जा व दिशा प्रदान करेगी ।तीन सत्रों में संपन्न इस लिटेचर फेस्टेवल के प्रथम सत्र में साहित्य आकदमी पुरस्कार से अलंकृत भीमनाथ झा की अध्यक्षता में ललितेश मिश्र ने कहा कि महाभारत के वानप्रस्थ में वर्णित कौशकी व माहिष्मती की सांस्कृति किसी परिचर्चा की मोहताज नहीं हैं। इसके मापदंड को परखने के लिए पुराणों,बौद्ध साहित्यों का अध्ययन आवश्यक है।वहीं सदाशिव चौधरी ने महिषी के प्राचीन संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब संपूर्ण भारत में बौद्ध धर्म अपने चरमोत्कर्ष पर था, तब भी महिषी में पं.मंडन मिश्र और उनकी विदुषी पत्नी भारती सनातन धर्म की परंपरा को जीवित रखने में सफल थे।इस सत्र के अध्यक्षीय संबोधन के दौरान भीमनाथ झा ने कहा कि पिछले कुछ समय से साहित्य में दलित विमर्श शब्द की व्यख्या की जाने लगी है। उससे वो सहमत नहीं हैं उनका मानना है कि दलित वो है जो समाज में सबसे अधिक प्राताड़ित ,शोषित व्यक्ति हैं वो दलित कहलाने के हकदार हैं।उनके दृष्टिकोण में आज मिथिला की एक भी नारी दलित नहीं हैं। दूसरे सत्र के वक्ताओं ने भविष्य में जीवन को बचाने के लिए आज के समय में जल संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यूं तो कोशी का क्षेत्र जल सम्पदा का धनी रहा है। लेकिन आधुनिकता के इस दौर में जिस प्रकार जल का दोहन किया जा रहा है, वो दिन दूर नहीं जब इस क्षेत्र के लोगों को भी अपनी प्यास बुझाने के लिए काफी मस्कत होगी।इस अवसर पर मोनू झा, भगवान झा, रणविजय राज, अमित आनंद सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया । हिन्दुस्थान समाचार/अजय-hindusthansamachar.in

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