प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के लंबित मामलों का एक सप्ताह में होगा निष्पादन
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के लंबित मामलों का एक सप्ताह में होगा निष्पादन

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के लंबित मामलों का एक सप्ताह में होगा निष्पादन

बेगूसराय, 07 दिसम्बर (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास से संबंधित लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादित करने के साथ-साथ योजनाओं के क्रियान्वयन एवं लंबित परिवादों की दैनिक समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने सोमवार को कारगिल विजय सभा भवन में समाज कल्याण विभाग विभिन्न योजनाओं के प्रगति की समीक्षा के दौरान दिया है। बैठक में आईसीडीएस डीपीओ रचना सिन्हा, एवं डीपीआरओ भुवन कुमार समेत सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका आदि मौजूद थे। डीएम ने कहा कि आईसीडीएस से जुड़े सभी कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास से संबंद्ध है, इसके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए, बल्कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन संवेदनशीलता के साथ की जानी चाहिए। सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी को योजनाओं से संबंधित लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादित करेंगे तथा योजनाओं के क्रियान्वयन एवं लंबित परिवादों की दैनिक समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा के दौरान डीएम ने परियोजना केंद्र वीरपुर, बलिया, बेगूसराय ग्रामीण, डंडारी, बखरी को निर्धारित शत-प्रतिशत लक्ष्य अविलंब प्राप्त करने का भी निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना की समीक्षा के दौरान योजना से संबंधित 936 लंबित आवेदनों के साथ द्वितीय इंस्टॉलमेंन्ट एवं तृतीय इंस्टॉलमेंट के लंबित 355 एवं 5208 मामलों को एक सप्ताह के अंदर निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है। जबकि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की समीक्षा के दौरान बेगूसराय ग्रामीण, बलिया एवं नावकोठी परियोजना के एलएस लॉग-इन में पेंडिंग आवेदनों को समाप्त करने तथा प्राप्त आवेदनों की दैनिक समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। बैठक के दौरान सेविका एवं सहायिका चयन के प्रथम चरण से पंचम चरण तक की स्थिति की समीक्षा कर सीडीपीओ स्तर पर सेविका चयन के 60 एवं सहायिका चयन के 127 लंबित मामलों पर नाराजगी जाहिर की गई। डीएम ने बलिया, साहेबपुरकमाल एवं तेघड़ा की सीडीपीओ को एक सप्ताह के अंदर चयन प्रक्रिया प्रारंभ कर सभी लंबित मामलों को निष्पादित करने का निर्देश दिया है। सेविका एवं सहायिका चयन से जुड़े परिवादों को भी अविलंब निष्पादित करने का निर्देश तथा पोषाहार वितरण के संबंध में प्रारंभ की गई नई व्यवस्था वितरण कुपन एवं ओटीपी के सुचारू संचालन का भी निर्देश दिया है। आईसीडीएस के डीपीओ ने बताया कि जिले में 18 परियोजनाओं में कुल स्वीकृत आंगनबाडी केंद्रों 3351 हैं, जिसमें से 3152 आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील है। 419 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है, जबकि 2217 किराये के भवन में तथा 407 अन्य सरकारी भवनों में कार्यरत है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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