कैमूर में धान की होने लगी कटनी,खरीद का नहीं आया निर्देश
भभुआ,04 नवम्बर (हि.स.)। कैमूर में धान की कटनी शुरु हो गई है। अभी सरकारी खरीद का कोई निर्देश नहीं मिला है।अधिकारी कहते हैं कि सरकार का कोई पत्र खरीद के लिए नहीं आया है। आमतौर पर 15 नवम्बर से धान खरीद का सरकारी निर्देश पहले के सालों में आता रहा है। विभागीय निर्देश पर धान बेचने के इच्छुक किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था। लेकिन, उसकी भी स्थिति यह है कि तीन दिनों से पोर्टल नहीं खुल रहा है। ऐसे में किसानों को अपनी उपज बेचने की चिंता बढ़ गई है।जिले में इस साल 1.10 हेक्टेयर में धान की खेती हुई है।जिससे 5.40 टन उत्पादन की उम्मीद है।धान यहां की मुख्य फसल है। किसानों को धान की फसल काटने के बाद अगली फसल की बुआई करनी पड़ती है। उपज बेचकर किसान खाद -बीज आदि की खरीदारी करनी पड़ती है, जिसमें पैसे की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में मजबूर किसानों को अपनी मेहनत व अधिक लागत से पैदा किए गए धान को औने-पौने दाम में बेचने के सिवा कोई चारा नहीं होता है।किसान चट्टान सिंह, गौरी शंकर पांडेय, मनीष सिंह आदि ने बताया कि धान की फसल की कटाई का काम अब शुरु हो गया है। कुछ धान कट भी गए हैं और कुछ खेत में पककर पूरी तरह तैयार हैं। धान कटने के बाद उस खेत में गेहूं,मटर, चना, सरसो आदि की बुआई करनी पड़ती है। इसके लिए खाद-बीज आदि की आवश्यकता पड़ती है। अपने पास तो गोदाम है नहीं, जिसमें धान रखा जाए। खेत व खलिहान ही वह स्थल है, जहां धान रहता है। ऐसे में अगर बूंदाबांदी भी हो जाए तो सारा परिश्रम व रुपया वर्षा के पानी में बह जाएगा। इसलिए बाजार के व्यवसाई जो दाम लगाते हैं उनके हाथों बेच देते हैं। किसान सुरेन्द्र सिंह, अश्विनी कुमार सिंह व कालिका सिंह ने बताया कि सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराए हैं। लेकिन, अधिकारी से पूछने पर बताते हैं कि अभी धान की खरीद करने के लिए विभाग से कोई निर्देश नहीं मिला है। ऐसे में आखिर बाजार में बेचने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं दिखता है। किसान धर्मेंद्र तिवारी व सुनील कुमार ने बताया कि सरकारी क्रय केंद्र के भरोसे रहने पर हमारी रबी फसल की बुआई नहीं हो पाएगी। भभुआ प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि पैक्स व व्यापार में होने वाले धान की खरीद को लेकर किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। तीन दिनों से रजिस्ट्रेशन का पोर्टल नहीं खुल रहा है। हालांकि कुछ किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।जिला सहकारिता पदाधिकारी रामाश्रय राम ने बताया कि धान की खरीद के लिए अभी सरकार से कोई पत्र नहीं आया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in