कायस्थ एनडीए को एकमुश्त वोट देते हैं, उचित प्रतिनिधित्व भी मिलेः आरके सिन्हा
पटना, 29 सितंबर (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि कायस्थ बिहार के सभी शहरी चुनाव क्षेत्रों में किसी को भी चुनाव जिताने या हराने की ताकत रखते हैंI ऐसे विधानसभा क्षेत्र 75 से ज्यादा हैंI अतः उनकी उपेक्षा नहीं होनी चाहियेI उन्हें उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। पूर्व सांसद सिन्हा ने कायस्थों की राजनीतिक भागीदारी पर कहा कि कायस्थों का बिहार के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान रहा है। 1952, 1957 और 1962 के चुनावों में बिहार में 50-60 की संख्या में कायस्थ चुनकर बिहार विधानसभा पहुंचते थे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. बिन्देश्वरी प्रसाद वर्मा और कम से कम तीन कैबिनेट मंत्री कायस्थ समाज से होते थे, लेकिन हाल के चुनावों में सीटों के बंटबारे और कैबिनेट के गठन में कायस्थों की उपेक्षा तो हुई ही हैI बिहार में कायस्थों की आबादी लगभग 4 प्रतिशत है। कायस्थ समाज समझदार, सक्षम और योग्य हैं। उन्होंने कहा कि कायस्थ मूल्यों के आधार पर राजनीति कर रहे हैं जिसके कारण ही उनको कष्ट भी हो रहा है। हमारी जो विनम्रता है उसको कमजोरी मान ली जाती है। कायस्थ समाज का वोट बंटता नहीं है, जबकि सभी जातियों के वोट सभी दलों में बंटते हैं। जब तक समाज कांग्रेस के साथ था तब पूरी तरह से था, आज जब एनडीए के साथ है तो भी एकजुटता के साथ हैI लेकिन, एनडीए में शामिल सभी दलों को भी चाहिए कि कायस्थ समाज को टिकट बंटबारे में सम्मानजनक स्थान दें ताकि वे उत्साहपूर्वक बढ़-चढ़कर वोट दें और अपने को राजनीति में उपेक्षित महसूस न करें I हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in