आकांक्षी जिला में लड़कियों की शिक्षा के लिए शुरू हुआ 'सक्षम बिटिया अभियान'
आकांक्षी जिला में लड़कियों की शिक्षा के लिए शुरू हुआ 'सक्षम बिटिया अभियान'

आकांक्षी जिला में लड़कियों की शिक्षा के लिए शुरू हुआ 'सक्षम बिटिया अभियान'

बेगूसराय, 19 दिसम्बर (हि.स.)। कोरोना महामारी के वजह से देश को आर्थिक और सामाजिक हर तरह के नुकसान से गुजरना पड़ रहा है। लेकिन इन सबके बीच स्कूल बंद रहने से सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग के मार्गदर्शन में आकांक्षी जिलांतर्गत चल रहे कार्यक्रम में पीरामल फाउंडेशन ने लड़कियों के शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 'सक्ष्म बिटिया अभियान' की शुरुआत किया है। जिसके तहत गांव की ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट लड़कियों को ट्रेनिंग देकर विद्यालय नहीं जा पाने वाली आसपास की लड़कियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज को भी इस अभियान से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि ने बताया कि यूनेस्को के अनुसार करीब 24 मिलियन विद्यार्थी कोरोना काल के समाप्त होने के बाद वापस नहीं आ पाएंगे। साथ ही एक्सपर्ट कि मानें तो लड़कियों के ड्रॉप आउट दर में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसके मद्देनजर यह अभियान शुरू किया गया है। अब तक 350 से ज्यादा शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज तथा 150 गर्ल्स वॉलंटियर को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस अभियान से स्कूल खुलने से पहले हजारों लड़कियों को पढ़ाई की व्यवस्था देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही छात्राओं को महामारी के वजह से को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है उससे उबरने के लिए 'सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षण' भी दिया जा रहा है। छात्राओं के साथ-साथ गर्ल्स वॉलंटियर्स को भी ऑनलाइन माध्यम से पीरामल फाउंडेशन सॉफ्ट स्किल्स के करवा रही है, ताकि उन्हें भी इस कार्यक्रम से जुड़कर अपने आप को विकसित करने में मदद मिल सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा-hindusthansamachar.in

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