आईपीएस अधिकारी अरविन्द पाण्डेय ने तोड़ी चुप्पी
आईपीएस अधिकारी अरविन्द पाण्डेय ने तोड़ी चुप्पी

आईपीएस अधिकारी अरविन्द पाण्डेय ने तोड़ी चुप्पी

फेसबुक पर लिखी अपनी कविता के अंश कहा, सरकार के फैसले पर कोई सवाल नहीं पटना, 11 दिसम्बर (हि.स.) । पिछले तीन दिनों से बिहार कैडर के महानिदेशक स्तर के आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडेय चर्चा में बने हुए हैं। यह चर्चा उनके ऊपर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर हो रही है। विपक्ष इस कार्रवाई को साजिश बता रहा है लेकिन अब अरविंद पांडेय ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। अरविंद पांडेय ने अपने फेसबुक पेज पर पहले कविता लिखी है। उसके बाद उसके बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने लिखा है कि आहट पाकर जब-जब शृगाल ज्वरग्रस्त दिखें, जब दुष्ट भेड़िए त्राहि-त्राहि कह रुदन करें। जब नाम श्रवण कर दुष्टों में भय पलता है, बस यही अप्रतिम, अपराजेय सफलता है। उन्होंने लिखा है कि ये पंक्तियां मेरी एक लंबी कविता के अंश हैं। इस कविता के बारे में अरविंद पांडेय ने लिखा कि ‘जो मैंने दो साल पहले लिखी थी... इसकी अन्यथा व्याख्या न करें। दूसरी बात यह कि दो दिनों पूर्व से जो समाचार सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहे हैं उसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता और सभी से यह अनुरोध है कि आप भी न करें। सरकार के किसी निर्णय पर सरकारी सेवक द्वारा विहित रीति से ही आगे की अनुक्रिया की जा सकती है।’ इस कार्रवाई में राजद को साजिश नजर आ रही है। राजद ने कहा कि बिहार की बदतर विधि-व्यवस्था की सबसे बड़ी वजह पुलिस विभाग में नियुक्ति और पदस्थापन में सरकार द्वारा अपनायी जा रही भेदभावपूर्ण नीति रही है। अभी बिहार में पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्ति होने वाली है। पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय ने कुछ शर्तें लगा दी हैंं। उन शर्तों के आधार पर पुलिस महानिदेशक के पद के लिए अरविंद पांडेय एक मजबूत दावेदार हैं। लेकिन सामाजिक पृष्ठभूमि और ईमानदार छवि के कारण राज्य सरकार अरविंद पांडेय को पुलिस महानिदेशक नहीं बनाना चाहती है। इसलिए एक सुनियोजित साजिश के तहत इन्हें रास्ते से हटाने के लिए उस मामले को पुनर्जीवित कर दिया गया है जिसे 2013 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आदेश से बंद कर दिया गया था। बता दें कि दो दिन पहले बिहार सरकार ने राज्य के सीनियर आईपीएस अफसर के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। अरविंद पांडेय पर बीडीओ की हत्या के मामले में कार्रवाई की गई है। सरकार ने इनकी चार वेतनवृद्धियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन /विभाकर-hindusthansamachar.in

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