अब जल बंद हुआ तो कार्यमुक्त होंगे तकनीकी सहायक।
अब जल बंद हुआ तो कार्यमुक्त होंगे तकनीकी सहायक।

अब जल बंद हुआ तो कार्यमुक्त होंगे तकनीकी सहायक।

जमुई,16 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के अंतर्गत नल से जल निकलना बंद हुआ तो तकनीकी सहायकों पर गाज गिरेगी।चुनाव प्रचार के दौरान महत्वाकांक्षी योजना में गड़बड़ी को लेकर सरकार की किरकिरी से पंचायती राज महकमा गंभीर हो गया है। इस बाबत पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है।उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पंचायतों में सभी योजनाएं सतत रूप से चालू रखना तकनीकी सहायकों की प्रारंभिक जिम्मेदारी है।योजनाओं के अनुश्रवण में तकनीकी सहायक शिथिलता बरतते हैं तो वैसे अक्षम एवं लापरवाह सहायकों को कार्यमुक्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया है। सरकार की इस चिट्ठी से तकनीकी सहायकों के बीच खलबली मच गई है।जिले में एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत तैयार ग्रामीण जलापूर्ति योजना हाथी का दांत साबित हुआ है।टंकी और नल तो लगे हैं,लेकिन जल नहीं निकल रहा है।कहीं जल निकल भी रहे हैं तो आच्छादित घरों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। कमोवेश इस योजना से सत्ताधारी गठबंधन को जो लाभ मिलने की उम्मीद थी वह तो मिला नहीं,उल्टे सरकार के गले की फांस बन गई।चुनाव प्रचार के दौरान लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने तो यहां तक कह डाला था कि योजना की जांच कराई जाएगी और इसके जिम्मेदार को जेल भेजा जाएगा। बहरहाल सरकार के अपर मुख्य सचिव की चिट्ठी पर ईमानदारी से अमल हुआ तो जिले के 28 तकनीकी सहायकों में शायद ही कोई कार्रवाई की जद से बच पाएंगे। अब देखने वाली बात यह होगी जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी किस प्रकार योजनाओं के प्रति तकनीकी सहायकों की शिथिलता व लापरवाही की रिपोर्ट करते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश-hindusthansamachar.in

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