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कोविड सुरक्षा बचाव व रोकथाम को ग्रामीणों ने शुरू किया "सेल्फ सफिशिएंट सेन्टर

मधुबनी,1जून,(हि.स.)। जिला के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही गांव के समाजसेवियों ने कोविड संक्रमित मरीजों की प्राथमिक इलाज को " सेल्फ सफिशिएंट" सेन्टर का निर्माण किया है।इस नेक करतब को बुद्धिजीवियों ने गांव जागे तो देश जागे की अप्रतिम मिशाल बताया है। मंगलवार को कोविड सुरक्षा सेंटर के रूप में इस संस्थान को समाज के प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति में विधिवत प्रारम्भ किया गया। कोविड सेन्टर में तत्काल सभी आवश्यक उपकरण, 4आक्सिजन सिलिण्डर व दवाईयां संग्रह की गई है। इलाके के लब्धप्रतिष्ठ चिकित्सक डॉ एस के झा, डॉ केएन मिश्रा, डॉ कमलेश झा को निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श के लिए स्वीकृति लिया गया है।इस सेन्टर के निर्माण में सरिसब गांव निवासी सम्प्रति दिल्ली के वरीय पत्रकार मदन झा ने इलाके के कोविड संक्रमित मरीजों को तत्काल सुविधापूर्ण व्यवस्था को खाका तैयार किया।साथ ही गंगौली के वरीय पत्रकार उदय झा,मुखिया रामबहादुर चौधरी, नवीन झा व युवक विक्की मंडल का सराहनीय प्रयास से भौतिक रूप सेन्टर निर्माण में दिया जाना बताया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में कोविड केयर सेंटर निर्माण में समाजषके सभी तबका के लोगों ने आर्थिक सहयोग प्रदान करने की सूूचना हैै। कोविड सुरक्षा बचाव व रोकथाम को ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों के बीच जागरूकता की इस नायाब मिशाल की चहुंओर प्रशंसनीय बात बताया गया है।कोविड तेजी से फैल रही है। जिले के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही पंचायत में बुद्धिजीयोंं-समाजसेवियों ने अपने आपसी निधि संचय कर कोविड बचाव सुरक्षा व रोकथाम सभी आयामों की व्यवस्था कर ली है। पंचायत की" सेल्फ सफिशिएंट" कोविड केयर सेंटर का बोर्ड लगाकर एक केंद्र यहां खोला गया है। जहां विभिन्न प्रकार के स्लोगन परोसे गए हैं। दो गज दूरी, मास्क जरूरी, साबुन से नियमित हाथ धोएं ,शुद्ध शाकाहारी व ताजा भोजन व्यवहार करें। साथ ही ग्रामीणों के सहयोग से तथा आपसी निधि संचय करके यहां पर कोविड मरीजों की सुरक्षा के लिए केंद्र बनाया गया। जिसकी सराहना चारों तरफ हो रही है। वह भी के मामले में सेल्फ सफिशिएंट की धारा यहां दिया गया है। वरीय पत्रकार मदन झा ने बतााा कि सरिसब पाही शिक्षा व आर्थिक दृष्टिकोण से सबल है।परन्तु स्वास्थ्य विभाग की कथित अकर्मण्यता केेेे कारण पंचायत का एपीएचसी बंंद है।इलाज के लिए 20 किमी मधुबनी मुख्यालय ही सहारा है।खासकर कोविड संक्रमण के समय यहां के 10 गांवों हाटी,बिठ्ठो,रामपुर ,संंकोर्थु, इशहपुर,कल्याणपुर, लालगंंज,लोहना,पाही, भट्टपूरा, कोइलखाहा मेें कोई चिकित्सा सुविधा नही है।इसी कारण ग्रामीणों केेेे साथ विमर्श कर कोविड संक्रमितों की फ़र्स्ट एड इलाज को युुवकों के सहयोग छोटा प्रयत्न किया गया है। कोविड केयर संस्था के माध्यम से तत्काल चार ऑक्सीजन सिलेंडर, मॉनीटर, नसल माऊस, ऑक्सीमीटर के अतिरिक्त कोविड संक्रमितों की आवश्यक दवाएं संग्रह कर ली गई है। कोविड मरीजों को उठाकर इस केंद्र पर लाने, ऑक्सीजन लगाने ऑक्सीमीटर से उनकी जांच करने की व्ययवस्था है। जांच करने वाले लोगों के लिए पीपीई व ग्लब्स रखा गया है।समाजसेवी अमल कुमार झा ने कोविड सुरक्षा बचाव रोकथाम के लिए मैथिली,हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में विभिन्न प्रकार के स्लोगन तैयार कर यहां लिखकर बगल में चस्पाया है। ग्रामीण की सहयोग से कोविड केयर केन्द्र निर्माण जिला में मिसाल कायम हुआ है ।इसकी वीडियो अभी वायरल हो रही है।सरिसब-पाही गांव में बुद्धिजीवियों द्वारा युवाओं के कार्यों की सर्वत्र सराहना हो रही है।यहां के आमजन कोविड सुरक्षा बचाव व रोकथाम के लिए अब अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/लम्बोदर

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