नई दिल्ली, रफ्तार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को आज बिहार विधानसभा में बहुमत दिखाना है। इसे फ्लोर टेस्ट कहा जाता है। इसमें पूरे प्रदेश के विधायक दो भागों में बंटेंगे। सत्ता पक्ष के अलग और विपक्ष के अलग विधायकों की गिनती होगी। अगर, सत्ता पक्ष के विधायकों की संख्या विधानसभा की कुल क्षमता 243 के दो तिहाई मतलब 122 या उससे ज्यादा होती है तो नीतीश सरकार बरकरार रहेगी। अगर, संख्या 122 से नीचे गई तो नीतीश सरकार गिर जाएगी।
फ्लोर टेस्ट से पहले सत्ता पक्ष में 128 विधायक
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पास 45 विधायक हैं। हालांकि चार विधायक संपर्क से दूर हैं। भाजपा के 78 विधायक हैं। इसके अलावा एनडीए के घटक हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (Ham) के चार विधायक हैं। इकलौते निर्दलीय सुमित सिंह ने नीतीश कुमार के प्रति भरोसा जताया है। इन सबको मिलाकर नीतीश ने राजभवन में 128 विधायकों का समर्थन दिखाया है। इसके आधार पर वह सत्ता में हैं।
महागठबंधन के पास 114 विधायक
राजभवन ने विपक्षी खेमे यानी महागठबंधन के पास 114 विधायकों का समर्थन है। सबसे अधिक राजद के 79 विधायक हैं। कांग्रेस के 19 और वामदलों के 16 विधायक हैं। कुल 114 विधायक हैं। इनके अलावा असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी के एक विधायक हैं। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी के पांच विधायक जीतकर आए थे। इनमें से चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे। वहीं, राजद के एक विधायक चेतन आनंद आज सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रहीं हैं चेतन एनडीए के पक्ष में वोट कर सकते हैं।
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