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बक्सर में दमतोड़ रही है ,केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी नमामि गंगे परियोजना,सुध लेनेवाला कोई नही

बक्सर 17 मई (हि.स.)। छह वर्षो में नमामि गंगे परियोजना के तहत सरकार और मातहत बक्सर जिला प्रशासन के द्वारा एक अरब तीस करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि खर्च की गई है। फाइलों में कई परियोजनाओं को पूरा भी दिखाया जा रहा है और कई परियोजना पर काम भी चल रहा है।बक्सर के गंगा के धार्मिक महत्व को देखते हुए 2015 में गंगा को लेकर नव गठित मंत्रालय की तत्कालीन मंत्री उमा भारती ने पूरे जोशो-खरोश के साथ अधिकारियों के समूह के साथ बक्सर का दौरा कर नमामि गंगे परियोजना की सुध ली थी और संतोष भी व्यक्त किया था। राष्ट्रीय गंगा परिषद ,राज्य गंगा समिति और जिला गंगा समिति जैसी त्रिस्तरीय समिति का आधारभूत ढांचा तो खड़ा कर दिया गया पर इन समितियों द्वारा कागजी फाइलों में अधिक से अधिक काम करने एवं वास्तविक धरातल पर दिशाहिन होने से पूरी की पूरी नमामि गंगे परियोजना दम तोड़ती नजर आ रही है।इस परियोजना की दिशा तो ठीक है पर अधिकारियोंकी लापरवाही और जनचेतना के अभाव में दशा चौपट है। वर्ष 1996 में विश्वबैंक से प्रद्दत राशि से विश्वास वोर्ड के तहत बक्सर जिला मुख्यालय से सात नालों से शहर के 16 वार्डो से निकलते दूषित जल को गंगा में सीधे प्रविष्ट कराने के बजाए बक्सर तडकनाला से सारिमपुर घाट तक चार किलोमीटर नाले का निर्माण कर तीन जगहों पर साइफन सिस्टम लगाया गया।जिसकी मोनिटरिंग तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक कुमार के द्वारा की गई थी,पर दुर्भाग्यवश करोड़ो की यह परियोजना मूर्तरूप लेने से पहले ही दम तोड़ दिया।जिसके अवशेष आज भी देखे जा सकते है। वर्तमान दौर में स्थानीय गंगा में आज भी शहर के गंदे पानी को सोन नहर और नालो के माध्यम से सीधे गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है।इस बाबत एनजीटी भी स्थानीय गंगा के साफ़ सफाई पर एतराज प्रगट कर चुका है। वर्ष 2018 से अबतक बात करे तो शहर से प्रति दिन हजारों घनमीटर निकलते सीवेज के जल को सफाई करने की व्यवस्था बक्सर के पास है ही नहीं है।दूसरी और बक्सर केन्द्रीय कारा ,बक्सर का मुक्त करा और सदर अस्पताल से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे गंगा में बहाया जा रहा है।हाल ही में गंगा में बरामद शोवो की बात करे तो यह नमामि गंगे परियोजना का ग्रहण काल था।देर से ही सही केंद्र सरकार ने अब गंगा में शवदाह पर रोक लगा कर इस दिशा में एक कदम तो बढाया। हिन्दुस्थान समाचार /अजय मिश्रा

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