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बारिश ने सड़कों को नदियों में तब्दील किया ,गांव में मक्के के फसल पर आफत

पूर्णिया 28 मई (हि.स.)। पूर्णिया में यास तूफान के असर के कारण शुक्रवार को हवाएं भी चली और बारिश भी हुई।परंतु हवाओं का जोर कम था और बारिश बहुत ही ज्यादा। बारिश की स्थिति यह रही कि लगातार 12 से 15 घंटे तक बरसती रही वह भी कभी कम गति तो कभी बहुत ज्यादा गति से।बीच में कभी-कभी ही थोड़ी देर के लिए बारिश ने आराम किया।शहर के सभी नाले और सड़कों ने नदियों का रूप धारण कर लिया है। सैकड़ों घरों में पानी का प्रवेश हो गया है।मौसम विभाग के एलर्ट के हिसाब से 29 और 30 मई भी किसी न किसी रूप में प्रभावित रहेगा। इसलिए यह सूचना पाकर लोग अब भी सतर्क हैं। शहर में बारिश का पानी रुक जाने को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है और सभी नगर निगम के अधिकारियों, वार्ड पार्षदों एवं मेयर को कोस रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब एक डेढ़ महीने से लॉकडाउन है और बारिश की चेतावनी थी। मानसून भी आने वाला है तो इस अवस्था में शहर के नालों की सफाई क्यों नहीं की गई जबकि बाजार भी बंद थे ।आसानी से सारा चीज हो जाता ।परंतु नगर निगम द्वारा ऐसा नहीं किया गया और कोरोनावायरस का बहाना बनाकर काम को टाल दिया गया। शहरवासी पानी में रहने को मजबूर हो गए हैं। बारिश के कारण लोगों में किसान को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के पके हुए मक्के की फसल खेतों में ही रह गए हैं और जिनके फसल कट गए हैं उनका दरवाजे या खेतों में पानी में भीग कर खराब हो रहे हैं। जिन जिन इलाकों में मक्के की फसल होती है वहां किसान काफी चिंतित है। पूर्णिया के बनमनखी, बड़हरा कोठी ,रुपौली, भवानीपुर, धमदाहा ,बायसी ,अमौर, कसबा, जलालगढ़ इत्यादि सभी इलाकों में मक्के के किसान हलकान हो चुके हैं इस बारिश से। किसानों का कहना है कि कोरोना के कारण स्थिति तो पहले से भयावह थी ही अब जब किसी तरह मक्के की फसल को हम लोगों ने तैयार किया तो इस तूफान और बारिश ने हम सभी को बर्बाद कर दिया है। हिन्दुस्थान सामाचार /नंदकिशोर

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