एक फिर बदल रही बिहार की सियासी बयार? लालू यादव ने दिया CM नीतीश को दिया खुला ऑफर! बोले- 'दरवाजा खुला...'

Bihar Politics: लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला रहता है। आएंगे तो देखेंगे। कल मिले थे। बधाई दे दी है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लालू यादव के एक बयान के बाद बिहार की सियासत में एक बार फिर उलट-फेर को लेकर चर्चा तेज हो गई है। एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सस्पेंस खड़ा हो गया है। दरअसल, आज राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) से मीडिया कुछ सवाल पूछा जिसका उन्होंने बेहद सधे अंदाज में जवाब दें कर बिहार की राजनीति में एक फिर हलचल पैदा कर दी।

अब महागठबंधन कभी नहीं जाएंगे- नीतीश कुमार

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल-फिलहाल में महागठबंधन का साथ छोड़ कर एनडीए के साथ सरकार बना लिए है। जिसके बाद नीतीश कुमार ने कई बार इस बात को दोहरा दिया है कि अब हमेशा के लिए वो एनडीए के साथ आ गए हैं। अब महागठबंधन कभी नहीं जाएंगे। लेकिन नीतीश कुमार की इस बात पर बिहार के लोगों को कितना भरोसा है ये वहीं जान सकते है।

नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला है- लालू

अब ऐसे में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का मीडिया में आया नया बयान इस पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। दरअसल, आज शुक्रवार (16 फरवरी) को पत्रकारों से बातचीत में लालू ने सीएम नीतीश कुमार को एक तरह से खुला ऑफर दे दिया है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला रहता है। आएंगे तो देखेंगे। कल मिले थे। बधाई दे दी है।

लालू यादव ने कहा हमलोग किसान आंदोलन के साथ

हालांकि इसके साथ लालू प्रसाद यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को पाला बदलने की आदत है। इसके साथ लालू यादव ने किसान आंदोलन पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमलोग किसान आंदोलन के साथ हैं। हमारा किसानों को पूरा समर्थन है। रोजी और रोजगार खत्म हो गया है। लालू ने यह भी कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की रैली में काफी भीड़ है, हम लोग जीतेंगे।

विधानसभा में अपने सामने मिले थे नीतीश और लालू

आपको बता दें इससे पहले बीते गुरुवार को विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के साथ तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई थी। एक बार तो लगा कि दोनों नेताओं के बीच तल्खियां दिखेंगी लेकिन दोनों पुराने नेता और मित्र सहजता से मिले। भले ही मुलाकात कुछ ही देर की थी लेकिन दोनों नेताओं ने एक दूसरे का कुशल-क्षेम पूछा। लालू प्रसाद ने भी बिना किसी दुराभाव के जवाब दिया। फिर दोनों नेता अपने-अपने रास्ते निकल लिए।

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