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बरसों से लापता किशोरी का सुराग नहीं मिलने से परिजन परेशान

बिहारशरीफ, 4 फरवरी (हि.स.)। निर्दोषों को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने में नालंदा पुलिस की दिलचस्पी नहीं देखी जाती है. यह बातें तब उजागर हो जाती है जब पिछले ढाई वर्षो से गायब एक किशोरी के परिजनों की गुहार पर नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद ने नालंदा पुलिस को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी कि आखिर गायब हुई नाबालिग बेटी को धरती खा गई या आसमान निगल गया. किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने नालंदा एसपी से 10 फरवरी तक 5 बिंदुओं पर जवाब मांगा है. मामला नालंदा जिले के परवलपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है . परवलपुर के विनय प्रसाद ने अपनी नाबालिग पुत्री का अपहरण से संबंधित जुलाई 2018 में थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था.अनुसंधान के दौरान दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी की गई थी.दोनों अभियुक्तों ने यह स्वीकार किया था कि वह लड़की के संपर्क में था और मोबाइल सीडीआर से भी इसकी पुष्टि नालंदा पुलिस ने की थी.बावजूद ढाई साल बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले को पुलिस अंजाम तक नहीं पहुंचा सकी.  नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद ने इस मामले पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि नालंदा पुलिस की उदासीन कच्छप गति से अनुसंधान करने से पुलिस की छवि धूमिल होती दिख रही है. उक्त किशोरी 6 जुलाई 2018 से अभी तक लापता है. हालांकि लहेरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बाजार समिति परिसर से 19 जुलाई 2018 को एक युवती की सिर कटी लाश मिली थी.किशोरी के पिता व अन्य रिश्तेदारों ने शव को देखकर हाथ पर जले का निशान,हाथ में बंधा लाल काला धागा आदि से पहचान भी की थी. लेकिन पुलिस परिजनों की बात से संतुष्ट नहीं हुई थी और आज तक लापता किशोरी को खोजने में पुलिस विफल साबित हो रही है जिससे उदासीन अनुसंधान के जरिए ना तो निर्दोष को न्याय और दोषियों को सजा मिल रही है. पुलिस ने पहचान के लिए नहीं कराया डीएनए टेस्ट नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखे गए पत्र के अनुसार पुलिस ने डीएनए टेस्ट के बाद पहचान सुनिश्चित करने की बात कही थी.किशोरी के परिजन भी डीएनए टेस्ट के लिए अपनी सहमति दिए थे.सूचक ने 1 सितंबर 2018 को न्यायालय में आवेदन दिया था जिस पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय ने 4 सितंबर 2018 को अनुसंधान पुलिस पदाधिकारी से जवाब मांगा था कि जिस किशोरी का शव मिला है वह बाद के सूचक की पुत्री निभा कुमारी है या नहीं, डीएनए जांच के लिए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजी गई है या नहीं लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा केस डायरी में कोई उल्लेख नहीं किया गया है. इस तरह नालंदा पुलिस ने ढाई साल बाद भी डीएनए टेस्ट नहीं कराया और लापता निभा एक रहस्य ही बनकर रह गई है. हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद/चंदा-hindusthansamachar.in

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