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गंगा किनारे की अनसर्वे जमीन का युध्दस्तर पर शुरू हुआ सर्वे

आरा,11अप्रैल(हि.स.)। बिहार से लेकर उत्तरप्रदेश तक गंगा किनारे की जमीन के हवाई सर्वे को लेकर टीम आसमान से लेकर जमीन तक सक्रिय हो गई है।गंगा किनारे की जमीन के सर्वे का कार्य युध्दस्तर पर शुरू हो गया है। केंद्र सरकार की सक्रियता के बाद अब एक टीम भोजपुर में सर्वे करने पहुंच चुकी है।इस टीम के आरा पहुंचने और सर्वे का कार्य शुरू कर दिए जाने से गंगा किनारे के इलाकों से जुड़े भोजपुर सारण के साथ ही गंगा किनारे के एक दर्जन जिलों के किसानों के बीच उम्मीद की किरण जग गई है और किसान अपनी जमीन के सर्वे और सीमांकन को ले आशान्वित हो उठे हैं। इस टीम ने रविवार को भोजपुर और सारण इलाको में हेलीकॉटर से उड़ान भर कर गंगा किनारे की हजारो एकड़ जमीन का सर्वे करने का कार्य शुरू किया है। केंद्र सरकार के आदेश पर देहरादून से एमएस जिओकनो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एमएस हिमालयन हेली सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की टीम प्रतिदिन सुबह मझौआं हवाई अड्डा से उड़ान भरकर हवाई सर्वे कर शाम को इसी जगह हेलीकॉटर को उतारते हैं जहां हेलीकॉप्टर का ठहराव किया जाता है। गंगा किनारे के अनसर्वे जमीन के हवाई सर्वे को लेकर नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट एवं मिशन क्लीन गंगा प्रोजेक्ट के अंतर्गत सर्वे का कार्य अब तेजी से शुरू कर दिया गया है। भोजपुर और सारण जिलों में एरियल सर्वे को लेकर भोजपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने हेलीकॉटर उतारने,उसमे ईंधन भरने,उसकी सुरक्षा करने और पार्किंग करने को ले आदेश दिया है और आरा सदर एसडीओ वैभव श्रीवास्तव और भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को इसके लिए जिम्मेदारी सौंपी है। दोनों अधिकारी प्रतिदिन हवाई सर्वे को लेकर टीम को सहयोग करने में लगे हुए हैं। भोजपुर, सारण सहित बारह जिलों में हजारो एकड़ जमीन का वर्षो से सर्वे नही होने से सीमांकन को ले किसानों की परेशानियां बढ़ी हुई है।हजारो एकड़ भूभाग पर फैले खेत खलिहान वाले अनसर्वे जमीन का पता लगाने की मांग वर्षो से बिहार के किसानों द्वारा सरकार से की जा रही थी। बिहार के भोजपुर और सारण जिलों के अलावाबक्सर,गोपालगंज,मुजफ्फरपुर,बेगुसराय,नालंदा,खगड़िया,समस्तीपुर,लखीसराय,मुंगेर,नरकटियागंज जिलो में गंगा के किनारे की जमीन अन सर्वे जमीन है जिसका सर्वे यह केंद्रीय टीम कर रही है। किसानों की मांग पर केंद्र सरकार ने सर्वे का जिम्मा उठाया है।केंद्र सरकार के आदेश पर आई सर्वे टीम एक महीने तक भोजपुर, सारण और अन्य संबधित जिलों में उड़ान भरकर हवाई सर्वे का कार्य करेगी। सर्वे का कार्य पूरा करने के बाद यह टीम अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को सौंप देगी। इस रिपोर्ट के बाद भविष्य में गंगा किनारे के जमीन का पता लगाने के साथ ही भूमि का सीमांकन किया जा सकेगा। वर्ष 1908 के बाद गंगा किनारे के जमीनों का सर्वे नही हो सका है।इस अवधि में गंगा की तेज धार करवट बदलती रही है और जहां कभी गंगा की तेज जलधारा बहती थी वहां अब खेत खलिहान नजर आते हैं।जहां खेत खलिहान नजर आते थे वहां अब गंगा की तेज जलधारा उफान मारती है। गंगा की हिलकोरो के इधर उधर होने से गंगा किनारे की हजारो एकड़ जमीन का सर्वे हो पाना मुश्किल था। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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