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एसटीइटी मामले को लेकर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष का सरकार पर हमला

बेगूसराय, 29 जून (हि.स.)। बिहार एसटीइटी परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद मचे बवाल को लेकर बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण ने सरकार पर जोरदार हमला किया है। मंगलवार को उन्होंने कहा है कि बिहार को बैक डोर से चलने और चलाने की लत लगा दी गई है। अमिता भूषण ने कहा कि बैकडोर से बनी सरकार को चलाया भी बैकडोर से ही जा रहा है। हाल में प्रकाशित एसटीइटी के परिणाम में भी बैकडोर से बिना मेरिट लिस्ट में आये चहेतों को एंट्री दे दी गई है। राज्य में यह कोई पहला मामला नही है, बिहार इस मामले में अनोखे रिकॉर्ड वाला राज्य है। यहां पिछले 17 सालों में ऐसी कोई सिंगल बहाली नहीं हुई है, जिसमें घोटाला नहीं हुआ हो। एसटीइटी का पूरा परिणाम और परिणाम जारी करने का तरीका नायाब है। नियम के अनुसार मेरिट लिस्ट नियोजन इकाई को जारी करना था, लेकिन बिहार बोर्ड ने इसे जारी कर दिया। कुल 15 विषयों के मेरिटलिस्ट में 6772 सीटें कम रह गई, सिर्फ इसलिए कि इसमें सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मौका ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि हर केटेगरी के महिला अभ्यर्थियों को 45 प्रतिशत अंक लाने पर क्वालीफाई माना जाएगा। लेकिन जेनेरल कैटेगरी की महिला अभ्यर्थियों को 50 प्रतिशत के कट ऑफ पर चुना गया। पूर्व में महिला अभ्यर्थियों को दिए जा रहे पांच प्रतिशत अंकों के छूट के लाभ से भी इन्हें वंचित कर दिया गया। बोर्ड को खुद यह जानकारी नहीं है कि उत्तीर्ण छात्रों में कितने छात्र विषयवार मेरिट लिस्ट में नहीं आ पाए हैं। अब हम यह भी बहाना भी नहीं बना सकते हैं कि शिक्षा मंत्रालय की बागडोर किसी अनपढ़ के हाथ में है। फिर भी अगर रवैया वही है तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि सम्पूर्ण शिक्षा तंत्र बैकडोर से चलाया जा रहा है। नियोजित होकर जिन शिक्षकों को कायदे से विद्यालय में बच्चों के भविष्य संवारने की जिम्मेदारी थी, अब वो खुद अपने भविष्य को असमंजस में देखते हुए सड़कों पर दिखेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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