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भोजपुर के शाहपुर और बड़हरा इलाकों में बाढ़ नियंत्रण को लेकर आगे बढ़ा स्लुइस गेट निर्माण का कार्य

आरा, 05 मार्च (हि.स.)। बक्सर-कोईलवर तटबंध के बनने के बावजूद बाढ़ की भीषण त्रासदी का दंश झेल रहे भोजपुर के आधा दर्जन इलाकों को अब बाढ़ से आजादी मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। बक्सर-कोइलवर तटबंध पर कई जगहों पर गैप के कारण भोजपुर की बड़ी आबादी बाढ़ की विभीषिका झेलती आई है। इस तटबंध पर स्लुइस गेट का निर्माण नहीं होने से गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर उठने के बाद गांवों और टोलों तक फैलने लगता है। यहीं से पानी की तेज धार निकल कर जिले को बाढ़ में तब्दील कर देती है जिससे हर साल जिले जान माल की भारी तबाही मचती है। भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखण्ड स्थित नेकनाम टोला के समीप और शाहपुर प्रखण्ड के लछु टोला और सुहियां भागड़ के समीप गैपिंग रहने से हर साल बाढ़ का पानी इलाकों में प्रवेश कर जाता है और भारी तबाही मचा देता है। इन स्थलों पर अब स्लुइस गेट का निर्माण होगा। बक्सर-कोईलवर तटबंध पर इन स्थलों पर स्लुइस गेट निर्माण के लिए पहले मिट्टी जांच की प्रक्रिया पूरी होगी। मिट्टी जांच के लिए अभियंताओं की टीम भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखण्ड में पहुंच गई है। नेकनाम टोला में गैपिंग के निकट सल्यूईस गेट निर्माण के लिए शुक्रवार को मिट्टी की जांच शुरू हो गई है। मिट्टी जांच की रिपोर्ट आते ही यहां बाढ़ निरोधक सल्यूईस गेट निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल आरा के कार्यपालक अभियंता मो.सईद अहमद ने बताया कि नेकनामटोला गांव के निकट फिलहाल मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू हुई है और शाहपुर प्रखण्ड के लछु टोला और सुहियां भागड़ के निकट स्लुइस गेट निर्माण के लिए पहले ही मिट्टी की जांच की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भोजपुर में जल्द ही गैपिंग पर स्लुइस गेट बनाकर बाढ़ को काबू में किये जाने के कार्य शुरू हो जाएंगे। बताया जाता है कि मिट्टी जांच के लिए दिल्ली के केंद्रीय मिट्टी एन्ड मेटेरियल रिसर्च सेंटर के अभियन्ताओं ने नेकनाम टोला में मिट्टी की भार क्षमता की जांच के लिए ड्रिलिंग का कार्य शुरू कर दिया है। बक्सर-कोईलवर तटबंध पर तीन स्थानों पर क्रमशः सुहियां भागड़ के निकट 270 मीटर, लछु टोला के निकट 170 मीटर और बड़हरा के नेकनामटोला के निकट 70 मीटर की लंबाई के गैपिंग पर स्लुइस गेट का निर्माण किया जाना है। इन स्थलों पर पूर्व में दलदल भूमि के कारण कई बार पक्का निर्माण का कार्य असफल हो चुका है और यही कारण है कि इस बार दिल्ली से टीम यहां पहुंचकर मिट्टी की जांच कार्य में जुटी हुई है। बता दें कि बक्सर—कोईलवर तटबंध पर दलदल मिट्टी के कारण आज तक पक्का असल्यूस गेट के निर्माण का कार्य नहीं हो सका है।यही कारण है कि भोजपुर में प्रति वर्ष गंगा अपना रौद्र रूप दिखाती है। करीब दस वर्ष पहले भी दिल्ली से अभियन्ताओं की एक टीम यहां आई थी किन्तु मिट्टी की भार क्षमता के अनुसार कार्य कराने पर रोक लगा दी गई थी। एक बार फिर एक दशक बाद दिल्ली से अभियन्ताओं की एक टीम यहां पहुंच गई है और मिट्टी जांच का कार्य शुरू हो चुका है। इस बार हर हाल में स्लुइस गेट का पक्का निर्माण कार्य पूरा किया जाना है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/हिमांशु शेखर

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