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आरा में भोजपुरी कलाकारों के साथ आरपीएफ का दुर्व्यवहार निंदनीय : मुक्तेश्वर

आरा,26 जून (हि. स)। लगभग 25 दिनों से आरा स्टेशन पर भोजपुरी कलाकारों द्वारा अपनी मांगो को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन किया जा रहा है। इस बीच आरा रेलवे प्रशासन द्वारा जिस तरह से भोजपुरी कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार कर हाथापाई की गई और साथ ही गिरफ्तारी की गई वह अत्यंत अशोभनीय है। उक्त बातें भोजपुरी गायक संघ अध्यक्ष मुक्तेश्वर उपाध्याय ने कही। मुक्तेश्वर उपाध्याय ने कहा कि भोजपुरी का सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया। भोजपुरी भाषा ही नही भोजपुरी सभ्यता और संस्कृति है। आज भोजपुरी चित्रकला को लेकर जो आंदोलन किया जा रहा है वह महज चित्रकला ही नही बल्कि भोजपुरी का आईना भी है। यही बातें भोजपुरी की परंपरा को दर्शाती है। आरा के रंगकर्मियों द्वारा जो आंदोलन किया जा रहा है वह पूरी तरह जायज हैं। उनकी आवाज को कुचलने का काम सरकार के इशारे पर रेलवे प्रशासन ने किया है। श्री उपाध्याय ने कहा कि दुर्भाग्य है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम सहित भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भोजपुरी इलाके से हैं बावजूद भोजपुरी की उपेक्षा की गई। देश और प्रदेश के राजनीतिज्ञों ने भोजपुरी का इस्तेमाल सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया है। जब भी चुनाव आता है राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो में भोजपुरी को लेकर अनेक वादे होते हैं लेकिन धरातल पर इसके लिए कोई कुछ नही करता। अब भोजपुरी की अस्मिता को बचाने के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत है, जिससे कुम्भकर्ण की तरह सो रही सरकार जग सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आरपीएफ के जवानों ने भोजपुरी कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार किया अब वह एक बड़े आंदोलन का आगाज करने वाला है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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