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पश्चिम चंपारण मे जेई/एईएस की रोकथाम हेतु तैयारियों की समीक्षा

बेतिया, 27 मई (हि.स.)। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने गुरुवार को जेई/एईएस (मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार) की रोकथाम हेतु की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा कार्यालय प्रकोष्ठ में की । जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि जेई/एईएस की रोकथाम हेतु सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय। सभी पीएचसी को अलर्ट मोड में रखा जाय ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा अनमोल है, एक-एक बच्चे का विशेष ख्याल रखना है। किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जेई/एईएस से संबंधित प्रखंड और पंचायत/गांव को चिन्हित करें जहां से लगातार मामलें आ रहे हों। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्षों में चनपटिया, नरकटियागंज, मझौलिया, लौरिया और बगहा-1 में दो बार मामले प्रतिवेदित हुए हैं। उन पंचायत/ग्राम को चिन्हित कर प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिले के सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायें। सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया पदाधिकारी स्वयं सभी कार्यों का नियमित अनुश्रवण एवं निरीक्षण करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर बीमारी है, जो अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है। सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि जेई/एईएस की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन सहित चमकी को धमकी से संबंधित जानकारी का व्यापक स्तर पर बुकलेट, पम्फलेट, दीवाल लेखन, नुक्कड़ नाटक, फ्लेक्स, चौपाल आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही हाउस-टू-हाउस सर्वे भी करायी जाय और अभिभावकों को जागरूक किया जाय। बच्चों के अभिभावकों को बताएं कि कोई भी बच्चा रात में भूखा नहीं सोए, इस बीमारी के कुछ भी लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द अस्पताल जाएं ताकि उनका समय पर ईलाज हो सके। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ”चमकी को धमकी” के तीन मुख्य बातें यथा-(1) खिलाओ- बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं (2) जगाओ-रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं एवं (3) अस्पताल ले जाओ-बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही गांव-पंचायतों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पर लाने हेतु वाहनों की टैगिंग अविलंब सुनिश्चित किया जाय। उ उन्होंने कहा कि चिन्हित प्रखंड/पंचायत में यदि आंगनवाड़ी केंद्र बन रहा है तो सतत निगरानी रखते हुए शीघ्र निर्माण कार्य कराया जाए। गुड़ का वितरण अवश्य कराया जाय। वहीं मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत प्रत्येक घर को नल का जल प्राप्त हो, इसे पंचायत के द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों का प्राथमिकता के आधार पर नामांकन कराना सुनिश्चित किया जाय। हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक/चंदा

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