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म्यूटेशन अस्वीकृत करने का बताना होगा कारण:डीएम

गोपालगंज,6 अप्रैल(हि. स.)।डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन दाखिल खारिज के मामलों को अस्वीकृत करना राजस्व कर्मचारियों के लिए अब आसान नहीं होगा। सरकार की नई व्यवस्था के तहत अब राजस्व कर्मचारियों की मनमानी पर रोक लगेगी। अब सीओ को किसी भी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले कारण बताना होगा। अगर किसी भी कागज में कोई कमी है तो रैयत को मौका देकर कागज मांगना होगा। एनआईसी ने इसके लिए सॉफ्टवेयर में सुधार कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को यहां कहा कि सरकार की व्यवस्था पर जिले में पिछले शनिवार से यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। म्यूटेशन के मामले में पहले अस्वीकृति का कारण बताना था लेकिन यह आदेश बहुत स्पष्ट नहीं था। आवेदन में मामूली त्रुटि का बहाना बनाकर और आवेदक को बगैर मौका दिए आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाता था। अब किसी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले आवेदक या रैयत को साफ-साफ बिंदुवार कारण बताना होगा। कुल 35 मामलों को सॉफ्टवेयर के ड्रॉपडाउन में डाला गया है। अस्वीकृति के सामान्य कारण है मुख्य रूप से वंशावली में संबंध स्पष्ट नही होना, दर केवाला संलग्न नही होना, जमा बंदी क्षतिग्रस्त होना, विक्रेता एवं जमाबंदी रैयत में संबंध नही होना, ज़मीन का विवादित होना आदि है।ऐसे मामलों में अंचलाधिकारी सीधे-सीधे आवेदन को अस्वीकृत नहीं कर सकते हैं। उक्त 15 मामलों को ड्रॉपडाउन से सेलेक्ट करते ही आवेदक को उसके मोबाइल पर अपने आप मैसेज चला जाएगा। मोबाइल फोन वही होगा जो आवेदक अप्लाई करते वक्त खुद से भरेगा। सीओ का कहना है कि विभागीय निर्देश के आलोक में म्यूटेशन संबंधी कार्य किया जा रहा है। ऑनलाइन म्यूटेशन में अस्वीकृत मामलों की बढ़ती संख्या की वजह से रैयतों को हो रही परेशानी को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में नया तरीका विकसित किया है। विभाग ने मंथन के बाद आवेदनों को खारिज करने के कुछ सामान्य कारण को खोजा गया है। आवेदन खारिज करने के लिए ऐसे कारण दिए जा रहे हैं जिनका निराकरण रैयत या आवेदक द्वारा किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए उन्हें मौका नहीं दिया जाता था। अब मौका देने के लिए विभाग द्वारा दाखिल खारिज के सॉफ्टवेयर में सुधार किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/अखिलानंद/चंदा

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