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कल भी जारी रह सकती है वर्षा, किसानों के खिले चेहरे, नगर बना नरक

बेगूसराय, 21 मई (हि.स.)। तूफान के असर से गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक लगातार रुक रुक कर तेज हवा से के साथ हुई वर्षा से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। वहीं, जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग द्वारा शनिवार को भी वर्षा की आशंका जताई गई है।बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज योजना के बहाने तोड़ी गई सड़कों ने ठिकेदार एवं बुडको की नाकामयाबी के कारण शहरी जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पूरा नरक बन गया है, लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल है। सीवरेज प्लांट का कराए जा रहे काम को लेकर ठेकेदार द्वारा जिला मुख्यालय के तमाम मोहल्ला की सड़क समेत कई प्रमुख सड़कों को तोड़ कर छोड़ दिया गया है। इसको लेकर नगर विधायक समेत विभिन्न संघ संगठन और सामाजिक लोगों के अलावा तमाम लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। नगर निगम कहता है यह मेरा काम नहीं है और बेगूसराय में बुडको का कोई ऑफिस नहीं है, जिसके कारण लोग परेशान हैं। इसको लेकर विधायक कुंदन कुमार ने एक्शन भी लिया है।बारिश के कारण किसानों के चेहरे पर खुशी फैल गई है। गन्ना, सब्जी, घास समेत तमाम फसलों के लिए वर्षा जहां वरदान साबित हो रही है। वहीं, अब धान का बिचड़ा गिराने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। बारिश के मद्देनजर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के बढ़िया वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. राम पाल ने बताया कि भारतीय मौसम विज्ञान से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को भी जिले में वर्षा होने की संभावना है। ऐसे में किसान खेत में तैयार मक्के की फसल का विशेष ख्याल रखें। यदि खेत में पानी लगने की संभावना है तो मेड़ को काट देंं। यही काम सब्जी एवं मूंग के खेत के लिए भी करेंं। खाली पड़े खेतों में हरी खाद के लिए ढैंचा, सनई या मूंग की बुवाई करें। अगात मूंग की तैयार फलियों की तुड़ाई कर लें, पीछात बोई गई मूंग में पीला मोजेक रोग के लक्षण दिखाई देता है तो उपचार के लिए रोग ग्रसित पौधा को शुरू में उखाड़कर जमीन में गाड़ दें तथा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल का एक मिलीलीटर प्रति तीन लीटर की दर से स्प्रे करेंं। हल्दी और अदरक की बुआई करने के पहले बीज उपचार जरूर करेंं। खरीफ मक्का के लिए खेत की तैयारी शुरू करें, धान के बीज स्थली की भी तैयारी करें। लत्तर वाली सब्जी कद्दू (लौकी), करेला, झींगा (नेनुआ) में फल मक्खी के उपचार के लिए एक किलो गुड़, दो किलो ग्राम मेलाथियान 50 ई सी, एक हजार लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर व्यवहार करें। अपने कृषि यंत्रों को सुरक्षित जगह पर भंडारण करेंं। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

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