Bihar News: जनता दरबार में ऐसा क्या हुआ कि बुजुर्ग की फरियाद सुनकर सीएम नीतीश को आ गया तेज गुस्सा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सोमवार को विभिन्न जिलों से आए फरियादियों ने अपनी बात रखी। इस दौरान सीवान जिले से आए एक बुजुर्ग ने पेंशन नहीं मिलने की बात सीएम के सामने रखी।
सीवान से आए बुजुर्ग की फरियाद सुनकर सीएम हुए आग बबूला
सीवान से आए बुजुर्ग की फरियाद सुनकर सीएम हुए आग बबूला

पटना, हि.स.। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सोमवार को विभिन्न जिलों से आए फरियादियों ने अपनी बात रखी। इस दौरान सीवान जिले से आए एक बुजुर्ग ने पेंशन नहीं मिलने की बात सीएम के सामने रखी जिसको लेकर सीएम आग बबूला हो गए। नीतीश कुमार ने तत्काल मुख्य सचिव को बुलाया। इसके बाद मुख्य सचिव आमीर सुबहानी, गृह अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ तत्काल पहुंचे। सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार भी पहुंच गए।

सीवान से आए बुजुर्ग को पेंशन नहीं मिल रही थी। सीवान के बुजूर्ग ने जैसे ही फरियाद सुनाई, सीएम गुस्से से लाल हो गए। तत्काल पेंशन शुरू करने का निर्देश दिया। बुजुर्ग ने कहा कि जेपी आंदोलन में नौ महीना जेल में थे।

इससे पहले सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में जमीन कब्जाने की शिकायत तो आम थी लेकिन, आज मामला कुछ अलग भी आया। किशनगंज के वसंत सिंह साइबर फ्राड की शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को एटीएम क्लोन कर पैसा निकालने की शिकायत सुनाई। सीएम ने साइबर अफसर को फोन कर मामले को निपटाने का निर्देश दिया है। जनता दरबार का रूप बदल चुका है। कोरोना काल से चुने हुए फरियादियों को फरियाद सुनी जाती है। फरियादी को पटना आने और जाने का इंतजाम सरकार करती है। घर से जनता के दरबार में लाने और ले जाने का काम जिला प्रशासन को सौंपा गया है।

जनता के दरबार में कोई भी व्यक्ति सीधे भाग नहीं ले सकता है। सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता के दरबार में शामिल होने के लिए सबसे पहल सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है। रजिस्ट्रेशन को चुना जाता है। चुने हुए शिकायतों को मंजूरी मिलने के बाद फरियादी को जनता के दरबार में बुलाया जाता है।

2005 में की थी शुरुआतसीएम नीतीश कुमार ने वर्ष 2005 में गद्दी संभालने के बाद से जनता का दरबार कार्यक्रम की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर मे कोई भी व्यक्ति शिकायत लेकर सीधे सीएम नीतीश कुमार के पास पहुंचता था। इस दौरान काफी भीड़ लगती थी। सीएम नीतीश कुमार के सामने लंबी लंबी कतारे देखने को मिलती थी। सीएम नीतीश कुमार का यह कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हुआ। काफी चर्चा चली।

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