हाइड्रो, सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र की ओर अग्रसर है एनटीपीसी : परियोजना प्रमुख
बेगूसराय, 26 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व ही नहीं, बल्कि देश के गौरव और सम्मान का विषय है। संविधान के मंत्रों का पालन करते हुए भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर है तथा विश्व पटल पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बातें एनटीपीसी बरौनी में झंडोत्तोलन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए परियोजना प्रमुख रविन्द्र कुमार राउत ने मंगलवार को फ कही। उन्होंने कहा कि भारत के विकास यात्रा को गति प्रदान करने के लिए निरन्तर विद्युत उत्पादन जरुरी है। 63785 मेगावाट से अधिक की क्षमता वाली देश की विशालतम ऊर्जा कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) राष्ट्र सेवा में 46 वर्ष से सेवारत है। एनटीपीसी समूह ने 18 जनवरी 2021 को अब तक का सबसे अधिक एक बिलियन यूनिट से अधिक का उत्पादन कर रिकार्ड स्थापित किया है। एनटीपीसी भारत के विकास को गति प्रदान करते हुए विश्व की सबसे बड़ी एवं सर्वश्रेष्ठ विद्युत कंपनियों में से एक के रूप में उभर कर सामने आयी है। अक्षय ऊर्जा पर जोर देते हुए एनटीपीसी हाइड्रो, सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी तेजी से अग्रसर है। 2032 तक एनटीपीसी ने 130 गीगावाट उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है, जिसमें 93 गीगावाट कन्वेंशनल एनर्जी तथा 37 गीगावाट सोलर एवं हाइड्रो की उत्पादन क्षमता होगी। एनटीपीसी बरौनी उत्पादन क्षेत्र में नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। निकट भविष्य में यह परियोजना एनटीपीसी की अन्य स्टेशनों की तरह पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन करने में सक्षम होगी। बरौनी की कुल उत्पादन क्षमता 2020-21 में 972.407 एमयू रही। 12 जनवरी को यूनिट-9 को पहली बार सिंक्रनाइज किया गया तथा 25 जनवरी को 185 मेगावाट लोड हासिल किया। प्रोजेक्ट टीम द्वारा कोल अनलोडिंग के लिए रेल लाइन तथा एश डिस्पोजल के लिए स्टेज-वन एश डेक तैयार किया गया। कंटिजेंसी हॉपर इरेक्शन, गंगा मेकअप पंप हाउस तथा रेलवे साइडिंग निर्माणाधीन है। पर्यावरण संवर्धन के लिए 2020-21 में 43 हजार पांच सौ वृक्षारोपण किया गया। बिहार स्टेट प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए एनटीपीसी बरौनी को प्राधिकृत किया गया है।संरचनात्मक ढांचा के साथ ही अन्य कल्याणकारी सुविधाओं का विकास कर टाउनशिप को एनटीपीसी मानक के अनुरूप बनाया जाने का लक्ष्य है। बिजली उत्पादन के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा एवं सामुदायिक विकास के लिए लगातार तत्पर हैं, जिसके लिए वित्तीय प्रावधान भी किया गया है। सामुदायिक विकास की रूपरेखा का अनुमोदन स्थानीय प्रशासन तथा केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त किया जा चुका है तथा कार्य जल्द ही शुरू करने का लक्ष्य है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा-hindusthansamachar.in