पटना, (हि.स.)। बिहार के मुजफ्फरपुर में ठंड से सरकारी स्कूल में बच्चों के मौत के बाद गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर सचिव, संयुक्त सचिव और जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कोर्ट में परिवाद दायर हुआ। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुजफ्फरपुर की कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन फरवरी को निर्धारित की है।
पटना में डीएम और शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक के बीच विवाद भी चल रहा है
उत्तर बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद सभी स्कूलों का संचालन लगातार जारी है। दो-तीन दिन पूर्व बिहार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने एक पत्र जारी कर सभी शिक्षा पदाधिकारियों और जिलाधिकारियों को यह निर्देश कर दिया था कि किसी भी सूरत में स्कूल में छुट्टी नहीं होगी। इसको लेकर बिहार के पटना में डीएम और शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक के बीच विवाद भी चल रहा है।
इसी दौरान बुधवार को बिहार के अलग-अलग जिलों में कुल पांच बच्चों की मौत हुई थी
इसी दौरान बुधवार को बिहार के अलग-अलग जिलों में कुल पांच बच्चों की मौत हुई थी, जिसकी वजह ठंड से मौत बताई गई थी। इसमें एक मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा इलाके का बच्चा था। स्कूल में तबीयत खराब होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी।
जबरन बच्चों को बुलाना एक सोची समझी साजिश और बड़ा अपराध है
इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, संयुक्त सचिव कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव और मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह के खिलाफ अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद दर्ज कराया। परिवादी ने आरोप लगाया है कि इतनी जबरदस्त सर्दी के बावजूद स्कूल को खोले रखना और जबरन बच्चों को बुलाना एक सोची समझी साजिश और बड़ा अपराध है। ठंड के कारण बच्चों की मृत्यु के दोषी ये तीनों अधिकारी हैं।
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