मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ धोखा किया: भाकपा-माले
बेतिया 14 जनवरी (हि.स.)। तीनों कृषि कानून,बिजली बिल 2020 को रद्द करने, सभी किसानों, बाटाईदार किसानों के धान MSP पर खरीदने की गारंटी और गन्ना का 400 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य घोषित करने, गन्ना का बकाया का भुगतान करने की मांग पर आज नौवां दिन भी जिला समाहरणालय गेट पर अनिश्चित कालीन धरना जारी रहा। धरना को संबोधित करते हुए सुनील कुमार राव ने कहा कि तीन खेती के कानून और बिजली बिल 2020 को रद्द करने की किसानों की मांग पर सरकार के अड़ियल रवैये के विरुद्ध अभियान तेज हो चुका है, 13 जनवरी को देश भर में 20 हजार से ज्यादा स्थानों पर कानून की प्रतियां जलाई गईं है। सभी स्थानों पर किसानों ने एकत्र होकर कानून की प्रतियां जलाईं और उन्हें रद्द करने के नारे लगाए। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में खुद ही इशारा किया है कि स्थगन आदेश का मूल उद्देश्य राजनीतिक है, कानूनी या संवैधानिक नहीं. कृषि कानून संविधान सम्मत हैं या नहीं, इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कुछ नहीं कहा है,जाहिर है स्टे कभी भी हटाए जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक/चंदा-hindusthansamachar.in