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मंत्री जी, सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते हैं : भाजपा जिलाध्यक्ष

बेगूसराय, 07 मई (हि.स.)। शासन-प्रशासन कोरोना संक्रमितों के समुचित इलाज और दवा के उपलब्धता की चाहे जितनी घोषणा कर ले। लेकिन बेगूसराय में संक्रमित व्यक्ति इलाज और जीवन रक्षक दवाओं के लिए काफी परेशान हो रहे हैं। उनके परिजन दिनभर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बेड कहीं खाली नहीं मिलता है। जबकि प्रशासनिक स्तर पर लगाता बेड के उपलब्धता का डाटा पेश किया जा रहा है। महत्वपूर्ण दवाओं के लिए लोग दवा दुकान से लेकर सदर अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं। हालत यह हो गई है की रेमेडिसविर के लिए पैरवी भी करनी पड़ रही है। भाजपा के जिलाध्यक्ष दवा के लिए आ रहे फोन से इतने परेशान हो गए हैं कि मजबूर होकर स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट करना पड़ा है कि मंत्री जी आपके अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते हैं। जिलाध्यक्ष ने व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल उठाया है। सिविल सर्जन एवं स्वास्थ विभाग के अधिकारी आमजन तो क्या भाजपा जिला अध्यक्ष का भी फोन रिसीव नहीं करते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह ने बताया कि बेगूसराय सदर हॉस्पिटल में रेमेडिसविर काउंटर पर इतनी भीड़ बनी रहती है। दवा है या नहीं है यह कोई बताने वाला नहीं है, हॉस्पिटल के कोई डॉक्टर और सिविल सर्जन भी फोन नहीं उठाते हैं। कार्यकर्ताओ के सामने बड़ी बेज्जती का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बेगूसराय में कल से ही रेमेडिसविर मेडिसिन उपलब्ध नहीं है, हॉस्पिटल में फोन करने पर कोई फोन उठाता है, यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, लोग हॉस्पिटल में दवा के काउंटर पर कल भी दर्जनों लोग धूप में खड़े थे, आज भी दर्जनों लोग खड़े रहे। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय सदर अस्पताल को व्यवस्था के मामले में प्रथम स्थान मिला है, लेकिन यहां हकीकत में हालत बद से बदतर है। इसको लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा बार-बार जिला स्तर के अधिकारी से लेकर प्रदेश स्तर पर शिकायत की जाती रही है, बावजूद हालत में सुधार नहीं हो रहा है। सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सिर्फ अपने चहेते लोगों का फोन रिसीव करते हैं। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। अब भाजपा के जिलाध्यक्ष इसके शिकार हो गए हैं तो हालत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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